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मध्य प्रदेश के बारे में ऐसी बातें जो करोङों लोग आज भी नहीं जानते……

संस्कृति और परंपराओं को अपने आप में बड़ी ही शालीनता से संजोये मध्य प्रदेश के बारे में जानते हैं कुछ खास और रोचक बातें..

मध्य प्रदेश का गठन कब हुआ, कितने परिवर्तन हुए हैं

आज 1 नवंबर 2020 को मध्य प्रदेश का 65वां स्थापना दिवस है. 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश प्रदेश ने एक अलग राज्य का दर्जा प्राप्त किया था. जबकि 1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के अलग होने के बाद मध्य प्रदेश का वर्तमान स्वरूप सामने आया था. समय के साथ जिलों की संख्या बदलती रही और आज वर्तमान में 52 जिलों की संख्या के साथ मध्य प्रदेश अपने वर्तमान स्वरूप में उपस्थित है.

मध्य प्रदेश को और कितने नामों से जाना जाता है

भारत के हृदय में स्थित होने के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे हृदय प्रदेश का नाम दिया. इसके अतिरिक्त इसके कई और नाम जैसे -सोया स्टेट, टाइगर स्टेट, नदियों का मायका आदि नाम भी है.

मध्य प्रदेश के गठन से पहले इस भूभाग पर क्या था

मध्य प्रदेश भारत का प्राचीनतम भूभाग है. हिमालय से भी पुराना है यह भूखंड. किसी समय गोंडवाना भूभाग का हिस्सा था. इसकी नर्मदा घाटी के अंचल में अनेक सभ्यतायें एवं संस्कृति, पुष्पित और पल्लवित हुई है. प्रमाणित हुआ है कि यहां भगवान राम ने अपने वनवास का कुछ समय बिताया था व रामपथ गमन यहां होना माना जाता है. श्री कृष्ण ने सांदीपनी आश्रम में शिक्षा पाई एवं पांडवों ने यहां अपना अज्ञातवास गुजारा. यहां की भूमि विंध्याचल सतपुड़ा की विशाल पर्वत श्रंखला एवं मनोरम वनों से आच्छादित है.

मध्य प्रदेश के प्राचीन इतिहास का वर्णन किस किसने किया

प्राचीन काल की बात करें तो कालिदास, बाणभट्ट, भर्तहरि, जगनिक, ईसुरी, केशव व तानसेन ने अपनी साहित्य व संगीत से मध्यप्रदेश के गौरव का गान किया.

मध्यकाल में मध्यप्रदेश के महापुरुषों के नाम

मध्यकाल में चंद्रगुप्त राजा विक्रमादित्य, अशोक, राजा भोज, छत्रसाल, तात्या टोपे, अहिल्याबाई, अवंतीबाई, भीमा नायक तथा चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास रहा है.

मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंशों के नाम

प्रमुख राजवंशों में चंदेल, तोमर, परमार, बुंदेला, होलकर, सिंधिया, शुंग, नागवंशी, गुर्जर, प्रतिहार आदि ने भारत की शान में चार चांद लगाए.

मध्यप्रदेश में प्राचीन स्थापत्य कला के अद्भुत निर्माण

ग्वालियर, मांडू, नरवर, असीरगढ़, चंदेरी प्राचीन स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने हैं.

मध्य प्रदेश के प्राचीन ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन तीर्थ स्थल

ओमकारेश्वर, महेश्वर, उज्जैनी, अमरकंटक, पचमढ़ी, ओरछा ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल के रूप में प्राचीन वैभव के प्रतीक हैं.

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