मध्यप्रदेश सर्वे पार्ट: 6
कोरोना बढ़ाने में सत्ता का हाथ, विपक्ष तो बस अनुशरण कर रहा
भोपाल। कोरोना फैलने को लेकर किये गए सर्वे पर 2400 मतदाताओं ने जिस तरह का जवाब दिया है उसका सार “गोरख पाण्डेय ” द्वारा रचित कविता की पंक्तियाँ बखूबी बयां करती है-
राजा बोला रात है
रानी बोली रात है
मंत्री बोला रात है
संतरी बोला रात है
सब बोले रात है
यह सुबह सुबह की बात है…!
जी हाँ जहाँ सत्ता पक्ष ही कोरोना के खतरे को नजरअंदाज कर रैलियां कर रही सदस्यता अभियान चला रही है और सुरक्षा नियमों की धज्जियाँ उड़ा रही है। विपक्ष तो बस उसके पद चिन्हों पर चल रहा है तो गलती सरकार की ही है। यही कहना है मध्यप्रदेश के चुनावी क्षेत्रों की जनता का। वो रूठे भी हैं, डरे भी हैं और पछतावे में भी दिख रहे हैं| वहां की जनता को पहले सरकार जागरूक कर रही थी की कोरोना से कैसे बचाव करें। किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जाए मगर जब भाजपा ने ग्वालियर में स्वयं ही सदस्यता अभियान चलाया और हज़ारों की भीड़ इकठ्ठा किया। तब से आम जनता समझ नहीं पा रही अगर यही करना है तो जागरूकता अभियान का अर्थ ही क्या था|
वही जब कांग्रेस की बात हुई की वो भी रैलियां कर रहे लोगों की भीड़ लगा रहे, तो उन्होंने गोरख पाण्डेय की पंक्तियाँ पढ़ दी की जब राजा ही गलत रास्ते पर जा रहा है। तो विपक्ष या किसी दूसरे व्यक्ति को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है|
खैर आगामी उपचुनाव के माध्यम से यह पता चलेगा जनता क्या मतों के साथ भाजपा से दूर हट रही है या फिर सिर्फ गुस्सा है। खैर आम जनता भाजपा से वर्तमान में नाराज चल रही है जिसमे एक कारण कोरोना भी उसमे शामिल हो गया है|