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बीजेपी नेता ‘NCERT’ की ‘नकली किताबें’ छपवा रहा था, 35 करोड़ का सामग्री बरामद

उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जनपद में एसटीएफ (STF) व पुलिस टीम द्वारा शुक्रवार को थाना परतापुर क्षेत्र में एक गोदाम में छापा मारकर करीब 35 करोड़ रूपये की एनसीईआरटी (NCERT) की नकली किताबें और छह प्रिटिंग मशीन बरामद की गई हैं. फिलहाल फैक्ट्री और गोदाम सील कर दिया गया है.

यहां अवैध तरीके से एनसीईआरटी की किताबें प्रिटिंग कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और आसपास के राज्यों में सप्लाई की जाती थी. इसके अलावा यूपी के कई जिलों में भी ये नकली किताबें भेजी जा रही थीं. सूचना के आधार पर ही एसटीएफ और पुलिस टीम द्वारा संयुक्त रूप से छापा मारकर कार्रवाई की गई है.

इस दौरान मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. फिलहाल पुलिस की टीम हिरासत में लिए लोगों से पूछताछ में जुटी है. जानकारी के मुताबिक सुशांत सिटी के रहने वाले सचिन की परतापुर थाना क्षेत्र में गगोल रोड पर किताबों का गोदाम है. यहां अवैध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों की प्रिटिंग कर आसपास के राज्यों में सप्लाई की जाती थी.

एनसीईआरटी की किताबें मेरठ में बड़े पैमाने पर छापी जा रही थीं. ये किताबें जब आर्मी स्कूल तक पहुंची तो गुपचुप तरीके से इसकी जांच आर्मी ने अपने स्तर से कराई. इसके बाद पता चला कि ये किताबें मेरठ के परतापुर इलाके में छापी जा रही हैं. आर्मी इंटेलिजेंस इस पूरे मामले की तह तक पहुंच गई.

चूंकि मामला सिविल पुलिस का था, इसलिए इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी एसटीएफ को दी गई. एसटीएफ ने किताबों का फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए जाल बिछाया और शुक्रवार को मेरठ पुलिस के सहयोग से प्रिटिंग प्रेस में छापा मारकर 35 करोड़ की फर्जी एनसीईआरटी की किताबों का जखीरा बरामद कर लिया.

ये किताबें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रिंटिंग प्रेस में छापी जा रही थीं. आरोप है कि बीजेपी नेता एनसीईआरटी की नकली किताबों की छपाई करता था. अधिकांश किताबें 9 से 12वीं तक की फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैंथ की है.

एसएसपी अजय साहनी ने एक निजी टीवी चैनल को बताया कि सूचना के आधार पर छापामारी की गई. इस दौरान मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. साथ ही गोदाम को सील कर मौके से लगभग 35 करोड़ की एनसीईआरटी की किताबों को जब्त किया गया हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इन किताबों की सप्लाई की जाती थी. पुलिस की जांच पड़ताल में जुटी है.

आसान है NCERT के किताबों का प्रकाशन:

एनसीईआरटी की किताबें नेट पर उपलब्ध हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि किताबों का नेट से प्रिंट लेकर निगेटिव तैयार कराकर प्रकाशन किया जा रहा था. अपने फायदे के लिए दुकानदार इस धंधे का बढ़ावा दे रहे है.