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बालाघाट : 20 साल पुराने मामले में जेल गए पूर्व विधायक, कोर्ट में किया सरेंडर…

बालाघाट : पूर्व विधायक किशोर समरिते ने 24 जून को बालाघाट न्यायालय में सरेंडर किया। जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया गया है। दरअसल, वर्ष 2004 में लांजी एसडीएम द्वारा अवैध कब्जा कर मकान निर्माण करने के मामले में अतिक्रमण की कार्रवाई की थी। जिसको लेकर 19 अप्रैल 2004 की दोपहर तत्कालीन एसडीएम धनेश्वर साय छत्तर के कार्यालय में कुछ महिलाओं ने घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। जिसकी जानकारी लगते ही मौके पर पूर्व विधायक किशोर समरिते, साथियों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे। जहां किशोर समरिते और उनके साथियों द्वारा कार्यालय में तोड़-फोड करते हुए शासकीय जीप क्रमांक एमपी 02-5004 में आग लगा दी थी।

जिसमें तत्कालीन एसडीएम की शिकायत पर लांजी पुलिस ने किशोर समरिते और उनके साथियों पर कार्यालय में अनाधिकृत प्रवेश कर प्राणघातक हमला कर शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर शासकीय संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के मामले में धारा 148, 307/149 विकल्प में 307, 427/149, 435/149, 436/149, 332/149 भा.दं.वि. तथा धारा 3(1) (10) अनु जाति/जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में किशोर पिता नानाजी समरिते, अनिल उर्फ अनेक पिता समादीन गढ़ेवाल, अजीत उर्फ पूरा पिता देवराम हाथीमारे, राजू पिता देवराम रामटेकर, विधान जोगी, गुड्डू उर्फ ओमप्रकाश, तथा नंदू उर्फ नंदलाल सहित करीब आधा दर्जन महिलाओं को पुलिस जांच में आरोपी बनाया गया था।

जुर्माने से किया गया दंडित

जिसमें विवेचना उपरांत लांजी पुलिस द्वारा बालाघाट न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया था। जिसमें बालाघाट न्यायालय के विशेष न्यायालय एट्रोसिटी ने वर्ष 2009 को दोषी पाते हुए सभी सात आरोपियों किशोर समरिते, अनिल, अजीते, राजू, विधान जोगी, ओमप्रकाश तथा नंदलाल को न्यायालय द्वारा धारा 147 में 01-01 वर्ष, धारा 332/149 में 02-02 वर्ष और 1000-1000रुपये अर्थदंड से दंडित किया। इसी प्रकार धारा 427/149 में 01-01 वर्ष, धारा 435/149 में 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास और 10000-10000 रूपये के अर्थदंड अधिरोपित करने करने का आदेश दिया था। जबकि धारा 3(1)(10) एसएटी एक्त के तहत 03-03 वर्ष और 1000- 1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था।

जिसको लेकर पूर्व विधायक किशोर समरिते ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। माननीय हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने विशेष न्यायालय एट्रोसिटी के 2009 के फैसले को यथावत रखते हुए आरोपी पूर्व विधायक किशोर समरिते की याचिका को खारिज कर उन्हें चार सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। जिसके परिपालन में पूर्व विधायक किशोर समरिते ने 24 जून को बालाघाट न्यायालय में सरेंडर किया। जहां से न्यायालयीन प्रकिया उपरांत उन्हें जेल भिजवा दिया गया है।