मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिन में 67 विधायक सदन में और 23 ऑनलाइन भाग लिया
भोपाल. कोरोना के खौफ के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिन का सत्र आज हो पूरा हो गया। सदन की कार्यवाही सिर्फ डेढ़ घंटे चली। कोरोना काल में विधायकों के बीच सोशल डिस्टेंस के कारण बैठक व्यवस्था पूरी तरह बदली हुई थी। इस वजह से जगह कम होने के कारण चुनिंदा विधायकों को ही सदन में प्रवेश की इजाज़त थी। बाकी वर्चुअल तरीके से कार्यवाही में शामिल हुए। सदन में प्रवेश से पहले भी कोरोना की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया गया।
मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिन का सत्र भले ही डेढ़ घंटे के भीतर खत्म हो गया लेकिन सत्र के दौरान कोरोना का साया साफ दिखाई दिया। विधानसभा की कार्यवाही में सिर्फ 67 विधायक ही पहुंचे। जबकि 23 विधायक वर्चुअल तरीके से कार्यवाही में जुड़े। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधायकों के लिए गेट पर ही खास इंतजाम किए गए थे। विधानसभा में प्रवेश करने से पहले सभी विधायकों के कोरोना लक्षण टेस्ट बाद के हाथों को सैनिटाइज किया गया।
कोरोना की वजह से एक दिन का सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 21से 23 सितंबर के बीच 3 दिन का होना था. लेकिन सत्र शुरू होने से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में यह तय किया गया कि सत्र केवल एक दिन का ही होगा। जिसमें सदस्य वर्चुअल और एक्चुअल दोनों तरीके से शामिल हो सकेंगे.यह फैसला कोरोना की विषम परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया। साथ ही यह तय किया गया कि सदन के अंदर सिर्फ विधायकों को ही जाने की इजाज़त होगी। उनके निजी स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों तक को विधानसभा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कुछ ऐसी ही स्थिति जब कार्यवाही शुरू हुई तो फिर देखने को मिली।
सत्र बुलाना जरूरी था
मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 24 सितंबर से पहले बुलाया जाना जाना संवैधानिक तौर पर ज़रूरी हो गया था। दरअसल इससे पहले विधानसभा का सत्र 24 मार्च को हुआ था। उसके बाद कोरोना की वजह से सत्र नहीं हो पाया। संवैधानिक नियमों के मुताबिक विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता। यही वजह है कि 24 सितंबर से पहले सत्र बुलाना पड़ा।