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बाबा रामदेव का पतंजलि IPL 2020 की स्पॉन्सरशिप दौड़ में शामिल 

नई दिल्ली: 19 सितम्बर से यूएई में शुरू हो रहे IPL के टाइटल स्पॉन्सरशिप के दौड़ में अब पतंजलि भी जुड़ गया है। इस बात की पुष्टि कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने किया। ‘हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को एक वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी में हैं।

पतंजलि हमेशा से स्वदेशी सामान इस्तेमाल करने की जनता से अपील करती आयी है और इसी को भारत की जनता ने काफ़ी समझा भी और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देते हुए अपने कंपनी का भी नाम साथ में चलाया और इस मार्केटिंग में पतंजलि सफल भी रहा। मार्किट के एक्सपर्ट मानते है कि एक विदेशी कंपनी वीवो जो की टाइटल स्पॉन्सर से हट चुकी है उसके सामने पतंजलि का IPL का टाइटल लेना आसान होगा क्युकि ये एक भारतीय कंपनी है जो अपने प्रोडक्ट के प्रचार में भी राष्ट्रवाद को साथ लेकर चलती है। आपको बता दें की, वीवो सालाना 440 करोड़ BCCI को टाइटल के लिए भुगतान करती थी।

टाइटल रेस में कई और कंपनी

भारत चीन के रिश्तो में दरार के कारन वीवो ने इस साल टाइटल से अपना नाम पीछे ले लिया है, और BCCI ने भी इस्पे मोहर लगा दी है। हलाकि बोर्ड ने वीवो के लिए 2021 का रास्ता खाली रखा है, इसके अलावा इस टाइटल के रेस में कई दिग्गज कंपनी है जैसे कि, ऐमज़ॉन, फेंटसी स्पोर्ट्स, ड्रीम इलेवन और टीम इंडिया कि जर्सी स्पॉन्सर और ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूज भी इस साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में हैं।

विवाद में थी पतंजलि कुछ ही दिन पहले-

पतंजलि ने दावा किया था कि कोरोना कि दवाई उन्होंने बना ली है और इसको नाम भी दिया (करोनिल) ये दावा बाबा रामदेव द्वारा लांच किया गया था और प्रेस के सामने बाबा ने ये दावा किया था कि कोरोना कि दवाई बन गयी है, आयुष मंत्रालय ने इसमें में हस्तक्षेप कर पतंजलि से कई सवाल किये, जिसमे इस बात की पुष्टि हुई की पतंजलि ने काफ़ी कानूनों का उलंघन किया और कंपनी के चैयरमेन बाल आचार्य ने फिर आके सफ़ाई दी की करोनिल कोरोना का दवा नहीं ये इम्युनिटी बूस्टर है।