महंगाई ने तोड़ी आम आदमी की कमर, खाने-पीने की चीजें बजट से बाहर
नई दिल्ली: आम आदमी को महंगाई (Dearness) के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है। बढ़ती गर्मी में महंगाई का पारा भी चढ़ गया है। मार्च में महंगाई ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मार्च महीने में भारत (India) की रिटेल इन्फ्लेशन (retail inflation) बढ़कर 6.95% हो गई जो कि पिछले 17 महीने में सबसे अधिक है। यानी कि महंगाई के मामले में मार्च में पिछले 17 महीने का रिकॉर्ड टूट गया। यह जानकारी मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चलता है।
कंज्यमूर प्राइस इंडेक्स यानी CPI द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति फरवरी के महीने में 6.07% थी। जनवरी में रिटेल इन्फ्लेशन 6.01% दर्ज की गई थी। वहीं, पिछले पहले मार्च में रिटेल महंगाई दर 5.52% थी। मार्च महीने में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) बढ़कर 7.68% हो गई जो कि फरवरी में 5.85% थी। बता दें कि यह लगातार तीसरा महीना है जब इंफ्लेशन रेट RBI की 6% की ऊपरी लिमिट के पार है।
क्या है वजह
बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग के चलते संबंधित सप्लाई चेन बाधित हुई जिस वजह से ग्लोबल स्तर पर अनाज उत्पादन, खाद्य तेलों की आपूर्ति और उर्वरक निर्यात पर असर पड़ा। इसके चलते खाने-पीने की चीजें महंगी हुई है। दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वनस्पति तेल पाम तेल की कीमतों में इस साल लगभग 50% की वृद्धि हुई है। खाद्य कीमतों में वृद्धि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लाखों लोगों द्वारा तेजी से महसूस की जा रही है।
फरवरी में 1.7% बढ़ा IIP
इस बीच, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा मंगलवार को जारी किए गए डेटा के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) फरवरी में 1.7% बढ़ा, जबकि जनवरी में यह 1.3% था। वहीं, दिसंबर 2021 में औद्योगिक उत्पादन 0.7 फीसदी बढ़ा था। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में आईआईपी ग्रोथ 10 महीने के निचले स्तर 0.4 फीसदी पर आ गई थी।
मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, माइनिंग और बिजली सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन फरवरी में 1.7 प्रतिशत बढ़ा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि आलोच्य महीने में 0.8 प्रतिशत रही। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-फरवरी के दौरान औद्योगिक वृद्धि 12.5 प्रतिशत रही। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 11.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
विनिर्माण क्षेत्र में 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) के दौरान रिकॉर्ड 12.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 12.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
अमेरिकी मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चतम स्तर पर
मार्च में अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों में सालाना 8.5% की वृद्धि हुई, जो दिसंबर 1981 के बाद से सबसे अधिक है। यह 40 साल में सबसे अधिक है।