भाजपा के 12 वरिष्ठ विधायकों के मंत्री बनने पर लगा ग्रहण, गोपाल भार्गव ने कहा भाजपा भी कांग्रेस के नक्शे के कदम पर
भोपाल। शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मध्यप्रदेश की भाजपा की राजनीति भूचाल आ गया है। मंत्रिमंडल में किसे मौका मिलेगा कौन बाहर रहेगा, यह किसी को भी नहीं पता है। ऐसे में जानकारों के अनुसार भाजपा के 12 वरिष्ठ विधायकों को पर केंद्रीय नेतृत्व की नजरें तीखीं हैं। इन कयासों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता व आठ बार के विधायक और पिछली तीन सरकारों में मंत्री रहने वाले गोपाल भार्गव ने कहा है कि भाजपा भी कांग्रेस की तरह ही गलती कर रही है। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए।
कयासों के बीच यह माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में गोपाल भार्गव, विजय शाह, सुरेंद्र पटवा, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, पारस जैन, नागेंद्र सिंह, करण सिंह वर्मा, जगदीश देवड़ा, गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्नोई, भूपेंद्र सिंह को शायद मौका न मिले।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश संगठन शिवराज के पिछले कार्यकालों में मंत्री रहे सीनियर नेताओं को ड्रॉप कर नए चेहरों को मौका देना चाहता है, लेकिन मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यह निर्णय बाद में लिया जाए। सिंधिया समर्थकों में से सभी बड़े नेताओं को मंत्री बनाया जाता है तो भाजपा के पास पद कम बचेंगे। संगठन चाहता है कि एक-दो लोगों को रोककर उन्हें उपचुनाव के बाद मंत्री बनाया जाए।
ये उन 6 लोगों के अलावा हैं जो कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे। मसलन कांग्रेस से भाजपा में सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और रणवीर जाटव भी दावेदार हैं। इन्हीं में से एक-दो लोगों को कम करने पर बात हो रही है, क्योंकि एंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप डंग को मंत्री बनाना पहले ही तय हो चुका है।