भाजपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे निर्दलीय और बागी
भोपाल। मध्य प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर चुनाव भाजपा को सरकार बचाने के लिए लड़ना है तो वहीं कांग्रेस अधिक से अधिक सीट कर सत्ता में वापसी करना चाही। लेकिन भाजपा और कांग्रेस को सबसे बड़ी चुनौती बागी और निर्दलीय उम्मदवार दे सकते हैं। हालांकि टिकट को लेकर सबसे अधिक बगावत भाजपा में देखने को मिल सकता है। इसका कारण 22 उन विधायको को भाजपा टिकट दे सकती है जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। इसके कारण कुछ उम्मीदवार समय रहते भाजपा से कांग्रेस में भी जा सकते हैं। ऐसे में टिकट के दावेदारों की रस्साकसी देखने को मिलेगी। ऐसे हालात कुछ सीटों पर बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरेंगे तो भाजपा-कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।
कांग्रेस असंतुष्ट भाजपा नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रही है। ऐसे में वहां भी बहुत से दावेदारों की उम्मीद टूटनी तय है। अब चुनाव लड़ने की आस में अपनी-अपनी जमीन तैयार कर रहे दोनों दलों के नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय भी आ सकते हैं। कई दावेदारों ने अपने समर्थकों को तैयारी में लगा दिया है।
अपने दल को भी फायदा पहुंचा देते हैं बागी ऐसा नहीं है कि निर्दलीय मैदान में आने वाले बागी सिर्फ विरोधी पार्टी को ही लाभ पहुंचाते हैं। कई बार उनकी मजबूती अपने दल को भी लाभ पहुंचा देती है। पिछले विधानसभा चुनाव में मंदसौर की सुवासरा सीट पर भी ऐसा ही हुआ।
यहां कांग्रेस ने हरदीप सिंह डंग को टिकट दिया तो पार्टी से बगावत कर ओम सिंह भाटी निर्दलीय चुनाव मैदान में आ गए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भाटी मैदान में न होते तो उनको मिलने वाला ज्यादातर वोट पाटीदार को मिलता और डंग चुनाव नहीं जीत पाते।