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युवराज सिंह की एक चाहत जो क्रिकेट करियर में पूरी ना हो सकी, जरूर पढ़ें

पूर्व भारतीय बल्लेबाज और लेफ्ट हैंड स्पिनर युवराज सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कुछ अनसुनी बाते अपने फैंस के साथ साझा कि उन्होंने बताया कि वन डे मैच की तरह वह टेस्ट मैच में भी अपनी जगह हमेशा के लिए स्थापित करना चाहते थे जो की हो ना पाया, युवराज ने अपने करियर में 40 टेस्ट मैच में कुल 1900 रन बनाये जिसमे उनका उच्चतम स्कोर 169 पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बना था, युवराज सिंह के टेस्ट करियर में कुल 3 टेस्ट शतक है।

मिडिल ऑर्डर में जगह बनाना था मुश्किल-

उन्होंने बताया कि गांगुली, द्रविड़, सचिन, सहवाग और लक्ष्मण के दौर में मिडिल आर्डर में जगह प्राप्त करना बहुत की मुश्किल काम था, उस समय आज की तरह टेस्ट में 10 मौके नहीं मिलते थे , 2 से 3 टेस्ट मैच में अपने आप को साबित करना पड़ता था। मीडिया से चर्चा के दौरान युवराज  ने कहा की गांगुली के संन्यास के बाद वह कैंसर से पीड़ित हो गए जिसके बाद उनके करियर ने एक अलग ही मोड़ ले लिया।  

विराट, धोनी और गांगुली पर हुई चर्चा

युवराज जैसे महान मैच विनर को क्रिकेट में लाने में बड़ा हाथ गांगुली का था,  सुरुवाती दौर में गांगुली ने युवराज पर भरोसा कर उनको ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के सामने वन डे मैच में बैटिंग करने उतरा था, जिसमे युवराज ने बेहतरीन बैटिंग कर सबका ध्यान अपने तरफ़ आकर्षित किया। युवराज सिंह जो की 2007 और 2011 वर्ड कप के सितारे हैं , उनका नाम लम्बे छक्के मारने में आता है,  चाहे वह 6 बॉल पर 6 छक्के का रिकॉर्ड हो या 119 मीटर लम्बा छक्का मारने का रिकॉर्ड हो। चर्चा के अंत में युवराज ने कहा 2017 में विराट ने मुझे काफ़ी समर्थन दिया था मुझे भरोसा दिलाया कि में आगे और खेल सकता हूँ लेकिन, वह तो धोनी थे जिन्होंने सच उनके सामने रख उनको बताया कि 2019 वर्ड कप में टीम युवराज के नाम पर विचार नहीं कर रही है। इसी के कुछ दिन बाद युवराज ने क्रिकेट को अलविदा कर संन्यास ले लिया।