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पन्ना में सिर्फ़ 200 रूपए में बन सकते हैं आप लखपति, जानिए कैसे

प्रकृति की गोद में ऐसे कई कीमती खजाने छिपे हुए हैं, जिसे देखकर हर कोई दंग रह जाता है. मध्य प्रदेश की धरती भी हीरा के खदान के लिए जाना जाता है.  यहां कई क्षेत्र ऐसे हैं , जहां से लोगों कभी भी खुदाई में हीरा मिल जाता है. राज्य का शहर पन्ना हीरा उगलने वाली धरती रूप में प्रसिद्ध है. पन्ना में हीरा पाकर कोई भी व्यक्ति लखपति बन सकता है. पन्ना की धरती पर खुदाई कर के हीरा पाकर आसानी से लखपति-करोड़पति बना जा सकता है. इसके लिए सिर्फ दो सौ रुपये खर्च करना होगा और आप हीरा के मालिक बन सकते हैं.

कैसे मिलेगा लाइसेंस?

पन्ना स्थित हीरा कार्यालय के हीरा पारखी अनुपम सिंह के मुताबिक, पन्ना में हीरा ढूंढने के लिए कहीं का कोई भी व्यक्ति खुदाई कर सकता है. इसके लिए सबसे पहला कदम हीरा कार्यालय से पट्टा (लाइसेंस) लेना होता है, जो तीन फोटो, आधार कार्ड की प्रति और दो सौ रुपए का चालान जमा करवाने पर मिलता है. पट्टा सिर्फ जनवरी से दिसंबर तक के लिए ही वैध होता है. बाद में नया पट्टा लेना पड़ता है.

कैसे होगी हीरे से कमाई?

पट्टा मिलने के बाद विभाग की तरफ से 8 गुणा 8 मीटर की एक जगह दे दी जाती है. इस जगह पर वह एक साल के अंदर कभी भी खुदाई द्वारा हीरा खोज सकता है. पन्ना जिले में हीरे की 25 खदानें हैं, जिनमें सरकारी और निजी दोनों खदान शामिल है. हीरा मिलने के बाद उसे डायमंड कार्यालय में जमा करवाना पड़ता है, जहां पर उसकी गुणवत्ता और कीमत तय की जाती है. इसके बाद उसे नीलामी के लिए रखा जाता है. चाहे 100 रुपए का हो या एक करोड़ का उस पर सरकार साढ़े 12 प्रतिशत की दर से एक प्रतिशत टीडीएस समेत रॉयल्टी वसूलती है. बाकी राशि लाइसेंसधारी व्यक्ति को दे दी जाती है.

हीरा कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 200 से 250 हीरे एकत्रित होने पर उन सबको एक साथ ऑफलाइन नीलामी में रखा जाता है. इस नीलामी में मुंबई, सूरत, दिल्ली और भोपाल समेत कई जगहों के हीरा व्यापारी हिस्सा लेते हैं. सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को हीरा सौंप दिया जाता है. पन्ना में औसतन हर तीन-चार महीने बाद हीरों की नीलामी होती है.

हीरे पर हक सिर्फ लाइसेंसधारी व्यक्ति का ही होता है. अब चाहे उसने खुद खुदाई की हो या फिर मजदूर से करवाई हो. हीरे जैसी किसी भी वस्तु के मिलने पर उसे  डायमंड कार्यालय में जमा करवा दिया जाता है. कार्यालय उसे नीलामी में रखता है, नीलामी में हीरे पाने वाले को व्यापारी को सम्पूर्ण राशि के भुगतान के लिए एक महीने का समय दिया जाता है. बता दें कि अब तक कई मजदूरों को खुदाई के दौरान यहां से हीरा मिल चुका है. हाल ही में सकरिया खदान की एक महिला मजदूर को दस लाख का हीरा मिला था.