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विश्व गौरैया दिवस : गौरैया का क्रिकेट से भी जुड़ा है अनोखा इतिहास

बचपन में अक्सर हम अपने घर के छज्जों और छत पर एक छोटी सी चिड़िया को देखते थे. उसकी चहचहाहट सुनकर नींद खुलती थी आज वह विलुप्त होने की कगार पर खड़ी है. जी हां हम बात कर रहे हैं अपनी प्यारी ‘गौरैया’ की. इस पक्षी के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाना पड़ रहा है. इसीलिए हर साल 20 मार्च को ‘विश्व गौरैया दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
गौरैया के अस्तित्व पर आए खतरे को ध्यान में रखकर साल 2010 से दुनिया भर में ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है. लेकिन आप शायद इस बात से अनजान हों कि इस शानदार चिड़िया का इतिहास क्रिकेट से भी जुड़ा हुआ है. इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है. बात 1936 की है. इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर मेरिलबोन क्रिकेट क्लब और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के बीच एक क्रिकेट मैच खेला जा रहा था.


लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड म्यूजिम में रखी है मृत गौरैया

इस मैच में भारत के जहांगीर खान कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए खेल रहे थे. मैच के दौरान जब जहांगीर खान गेंदबाजी कर रहे थे, तभी एक गौरैया उनकी गेंद की चपेट में आ गई. गौरैया को गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई. लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड मैनेजमेंट ने मृत गौरैया और उस गेंद को मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के म्यूजियम में रख दिया गया. इसे ‘स्पैरो ऑफ लॉर्ड्स’ नाम दिया गया.