क्यों हारी इमरती देवी, पढ़े वो चार बड़े कारण
डबरा: “खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे” आज इमरती देवी की हालत कुछ ऐसी ही है. सिंधिया के दम पर कांग्रेस छोड़ इमरती देवी भाजपा में शामिल हो गयी हैं. इमरती देवी के समधी सुरेश राजे ने करीब 7663 वोटों के अंतर से उन्हें शिकस्त दी है. अपनी जीत के दावे करने वाली इमरती देवी को हार का मुंह देखना पड़ा है. शायद ही इसे ही लोकतंत्र कहते हैं कि इमरती देवी अपने ही गढ़ में अपना किला नहीं बचा पाईं.
कहा जाता है. मतगणना से ठीक पहले तक इमरती देवी 80 हजार से ज्यादा वोटों से जीत का दावा कर रही थीं. हालांकि परिणाम आने तक उन्हें सिर्फ 50 हजार से भी कम वोट मिले.
इमरती देवी की हार की वजह ये कारण हैं-
इमरती देवी का बड़बोलापन
मंत्री इमरती देवी ने प्रचार के दौरान एक गांव में कहा था कि, ‘कलेक्टर हमाए हैं, चुनाव हमई जीत हैं’. इसलिए आप हमें ही वोट दें. मंत्री इमरती का देवी का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. उन्होंने शिवराज सरकार की सत्ता बचे रहने का दावा किया था, लेकिन शिवराज की सत्ता तो बची रही, लेकिन वह खुद अपनी सीट नहीं बचा पाईं. विधायक न बन पाने के चलते उन्हें मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा.
चुनाव रैली में सिंधिया ने कहा पंजे का बटन जरूर दबाये
डबरा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाषण के दौरान जुबान फिसल गई थी और सिंधिया ने अपने भाषण में कहा कि आने वाले 3 नवंबर को मतदान के दिन हाथ के पंजे वाले बटन को दबाएं और कांग्रेस को जिताएं. इसे सिंधिया की जुबान फिसलना कहें या फिर वो खुद नहीं चाहते थे की इमरती देवी जीतें.
इमरती देवी की दगाबाजी
इमरती देवी कांग्रेस पार्टी के दम पर जीतती थी लेकिन उन्होंने जो दगाबाजी की वो जनता को रास नहीं आयी और उनको उनकी जगह दिखा दी. इमरती देवी को लगता था की खुद की छवि की वजह से डबरा की जनता उन्हें पसंद करती थी, लेकिन जनता को उनसे नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी से लगाव था इसलिये सिंधिया की तरह इन्हे भी खुद के गढ़ से हरा दिया. आपको बता दें की 2008 के परिसीमन में डबरा विधानसभा सीट सामान्य से आरक्षित हो गई थी. तभी से इस सीट पर कांग्रेस का राज बरकरार है. उपचुनाव में मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन कांग्रेस ने अपनी सीट बचा ली. इस सीट कांग्रेस लगातार चौथी बार चुनाव जीती है.
आइटम कार्ड खेलने पर भी ना मिली सफलता
चुनावी रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इमरती देवी को आइटम कहा था. इस पर जमकर सियासी बवाल मचा था. इसके जवाब में इमरती देवी ने कमलनाथ को काला जादू करने वाला तक बता दिया था. सिंधिया क्या शिवराज ने भी चुप्पी रखकर कमलनाथ के इस बयान को महिला अस्मिता से जोड़ दिया था. इमरती देवी को यकीन था की सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान कोई बड़ा कदम लेंगे पर इसपर भी आयी गयी बात बना दी गयी.