शिवराज सरकार ने क्यों रद्द की विश्व आदिवासी दिवस शासकीय अवकाश, दिग्विजय सिंह ने लिखा पत्र
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस यानी 9 अगस्त को होने वाले शासकीय अवकाश को रद्द कर दिया है. साथ ही इस अवसर पर कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मिलने वाली सहायता राशि पर भी रोक लगा दी है. इतना ही नहीं इसी दिन विधानसभा का सत्र आहूत कर दिया गया है. राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर आदिवासी समुदाय में रोष है. मामले पर पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र लिखकर विधायक का सत्र टालने की मांग की है.
कमलनाथ सरकार ने कि थी अवकाश की घोषणा
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा है कि, ‘विश्व दिवस को समारोह पूर्वक मनाने के लिए कमलनाथ सरकार ने साल 2019 में प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था. इस मौक़े पर प्रदेश स्तर पर आयोजित शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों में 50 हजार रूपये राशि आवंटित की गई थी. लेकिन यह अत्यंत खेद का विषय है कि शिवराज सरकार के आने के बाद न तो इस दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया और न ही समारोह आयोजित किये जाने के लिये राशि आवंटित की गई.’
कांग्रेस नेता ने सीएम व विधानसभा अध्यक्ष से आदिवासी समाज की भावनाओं के अनुरूप विधानसभा सत्र की तारीख एक दिन के लिये आगे बढ़ाने की मांग की है. बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 47 विधायक आदिवासी समुदाय से आते हैं. साथ ही प्रदेश के 6 लोकसभा व 2 राज्यसभा सांसद भी आदिवासी समुदाय से आते हैं. ऐसे में आदिवासी दिवस का छुट्टी, कार्यक्रमों के लिए मिलने वाले पैसों पर रोक लगाने के बाद अब विधानसभा सत्र के आयोजन से आदिवासी विद्यायकों में रोष व्याप्त है.