भेलसा पर जीत के बाद लाई गई माता की मूर्ति दशकों से बनी हुई है, ग्वालियरवासियों के लिए श्रद्धा का प्रतीक
1- जियाजी राव सिंधिया के आदेश पर सेनापति गोविंद राम ने भेलसा (अब विदिशा)पर आक्रमण किया था. वहां मिली जीत के बाद इस मूर्ति को ग्वालियर लाया गया था और एबी रोड पर पहाड़ी पर बने मंदिर में स्थापित कराया .
2- भेलसा वाली माता का नवरात्र के दिनों में प्रतिदिन शृंगार होता है. उस दौरान उन्हें 16 गज की धोती पहनाई जाती है. इस मंदिर पर मां दुर्गा की पूजा मराठी पद्धति से होती है.
3- इस मंदिर में दो दीपस्तंभ बने हुए हैं. चैत्र नवरात्र में नवमी के दिन और शारदीय नवरात्र में लगातार नौ दिन 400-400 दीपक जलाए जाते हैं. शहर में यह एकमात्र ऐसा माता का मंदिर है, जिसमें दीपस्तंभ बने हुए हैं.
4 इस मंदिर तक जाने के लिए 108 सीढ़ियां बनाई गई हैं. चढ़ाई के दौरान अगर भक्त थक जाए, तो उसके बैठने व आराम के लिए बीच में स्थान भी बनाए गए हैं.