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एमपी की 29 सीटों पर किसका होगा कब्जा? इन 4 हॉट सीटों पर सबकी नजर, दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा…

भोपाल : इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई है। एग्जिल पोल के बाद आज 4 जून को ईवीएम खुलने जा रही है जो मध्य प्रदेश की 29 सीटों का भाग्य तय करेगी कि किस पर किसका राज होगा। हालांकि 2019 के चुनावों में 28 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था और सिर्फ एक सीट कांग्रेस के हाथ आई थी, लेकिन इस बार कई सीटों पर सियासी समीकरण अलग है।

खास करके मध्य प्रदेश में कुछ सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।इनमें छिंदवाड़ा, गुना, विदिशा और राजगढ़ लोकसभा सीट शामिल है। अगर बीते दिनों आए एग्जिट पोल पर नजर डाले तो कुछ एग्जिट पोल में भी दावा किया गया है कि भाजपा को सभी सीटों पर जीत मिलेगी लेकिन कुछ एग्जिट पोल में दावा किया गया है कि भाजपा 2019 की तरह 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। कुछ एग्जिट पोल में कहा गया है कि कांग्रेस 2-3 सीटों पर जीत सकती है।आईए जानते है इन हॉट सीटों के बारें में………

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट- सबसे अहम कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की है, जो कि छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में है।इस बार छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की साख दांव पर लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने बेटे के समर्थन में जमकर चुनावी सभा की और जीत का दावा किया है। वही भाजपा की तरफ से विवेक बंटी साहू है।  भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया। खुद अमित शाह, सीएम और पूर्व सीएम शिवराज ने लगातार रैली और रोड शो किया। शाह ने छिंदवाड़ा में रात गुजार कर रणनीति भी बनाई और नाथ के कई करीबियों को तोड़ कर भाजपा में शामिल कराया। एग्जिट पोल में भी छिंदवाड़ा भाजपा में हिस्से में जाती हुई दिखाई दी, हालांकि अंतिम फैसला आज होगा कि क्या कमलनाथ अपने बेटे की सीट बचाने में कामयाब होंगे या फिर भाजपा कांग्रेस का गढ़ भेदने में।

गुना लोकसभा सीट- दूसरी लोकसभा सीट गुना है जिस पर देशभऱ की निगाहें है, क्योंकि यहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी मैदान में हैं।गुना हाईप्रोफाइल सीट को सिंधिया राजपरिवार का गढ़ माना जाता है।  कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद इस बार भाजपा ने सांसद केपी यादव का टिकट काट कर सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है, जबकी पिछले चुनाव में केपी (भाजपा ) ने ही सिंधिया (कांग्रेस)को मात दी थी। इस बार सिंधिया अपनी पिछली बार का हार का दाग मिटाने के लिए चुनाव लड़ रहे है।
टिकट मिलने के बाद सिंधिया और उनके परिवार ने ताबड़तोड़ दौरे और रैलियां की है।अब बस रिजल्ट का इंतजार है।

राजगढ़ लोकसभा सीट : भोपाल से पिछले लोकसभा चुनाव हारने के बाद अब राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में है। वे करीब 33 साल बाद राजगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, हालांकि पहले वे यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं। सालों बाद अपने गढ़ से दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने के कारण यह सीट बेहद खास बन गई है।देशभर की निगाहें अब इस सीट पर टिकी हुई है। 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद दिग्विजय सिंह के लिए इस बार का चुनाव बेहद अहम हो गया है।वोटिंग के दौरान उन्होंने अपने प्रचार में आखिरी चुनाव होने की बात कर जनता से साथ देने की अपील की है। वहीं उनके सामने भाजपा सांसद रोडमल नागर मैदान में हैं। भाजपा ने मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है।कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार 1984 में जीत मिली, जब दिग्विजय सिंह ने भाजपा के जमनालाल को मात दी थी। 2014 और 2019 में यहां से रोडमल नागर चुनाव जीते हैं। इस बार भी पार्टी ने उनके ऊपर भरोसा जताया है।

विदिशा लोकसभा सीट : लंबे समय के बाद लोकसभा चुनाव के लिए विदिशा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में है। हालांकि वे पहले पांच बार के सांसद रह चुके है। वही 6 बार के विधायक और चार बार प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होने का खिताब भी उनके नाम है, ऐसे में यह सीट बेहद सुरक्षित मानी जा रही है। विदिशा लोकसभा क्षेत्र हिंदू महासभा, जनसंघ से लेकर भाजपा तक हमेशा इस लोकसभा सीट पर कब्जा रहा है। अटल जी और सुषमा स्वराज भी इस सीट पर लड़ चुकी है। इस सीट पर टिकट मिलने के बाद से ही शिवराज ने लगातार सभाएं की। हालांकि इस सीट पर उनके कितने मार्जिन से जीतने की चर्चा हो रही है? शिवराज के सामने कांग्रेस के भानु प्रताप शर्मा चुनाव लड़ रहे है। पिछली बार भाजपा के रमाकांत भार्गव को 8 लाख 53 हजार वोट मिले थे, उन्होंने पांच लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।