Madhya Pradesh

ओलावृष्टि के कहर ने खेतों में बिछाई गेहूं की फसल

जिले के कुरई, बरघाट, सिवनी, केवलारी आदि ब्लाकों में मंंगलवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राजस्व अमला सूचना मिलते ही नुकसानी का सर्वे करने किसानों के खेतों व गांवों में पहुंच रहा है।कुरई ब्लाक के 20 से अधिक गांव में मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। आवला आकार के करीब 5 मिनट तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों के साथ कबेलू वाले मकानों को क्षति पहुंची है। सूचना के बाद राजस्व विभाग का अमला नुकसानी के सर्वे के लिए मौके पर पहुंच रहा है। सर्वे के बाद ही नुकसान की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।खेतों में बिछ गई गेहूं की फसल : कुरई ब्लाक के सुकतरा, पोतलई, थावरजोडी़, गोडेंगांव, करैया, मोहगांव, बंजर, ऐरमा, जुमनिया, कलबोडी, हरारपुर, आगरी, अलेश्वर, गोपालगंज सहित अन्य गांवों में हुई ओलावृष्टि से खेताें में लगी गेहूं की फसल बिछ गई। वहीं चने व अन्य दलहनी फसलों के फूल झड़ गए। किसानों ने बताया कि सोमवार की रात हल्की बारिश के बाद मंगलवार की दोपहर अचानक तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हो गई। इससे फसलों को नुकसान हुआ ही है साथ ही कबेलू वाले मकानों को क्षति पहुंची है। इसके अलावा सब्जियों में टमाटर, फूलगोभी, हरी धनिया, पत्ता गोभी, मटर, भटा, सेमी आदि फसलों को भी ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है।सर्वे के लिए भेजी गई है टीम : कुरई तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा ने बताया है कि प्रारंभिक जानकारी में करीब 15 से 20 गांव में ओलावृष्टि होने की सूचना मिली है। सूचना मिलते ही पटवारी व अन्य राजस्व अमले को नुकसानी का सर्वे करने भेजा गया है। नुकसानी का सर्वे होने के बाद वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जल्द से जल्द सर्वे कराकर किसानों को नुकसानी का मुआवजा दिलाए जाने का प्रयास किए जाएंगे।कुरई विकासखंड के अलावा सिवनी ब्लाक के कुछ गांवों में मंगलवार शाम 4 बजे बारिश के साथ कुछ देर ओलावृष्टि हुई। बरघाट ब्लाक के गंगेरूआ, आष्टा, टिकारी, आमागढ़ सहित आसपास के गांवों में ओलावृष्टि हुई। सिवनी ब्लाक के भोमा, कान्हीवाडा़ व आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने से खेतों में ओले की परत जम गई। केवलारी ब्लाक के केवलारी व पलारी समेत आस-पास के गांवों में भी ओलावृष्टि हुई। बरघाट तहसीलदार अमित रिनाहित ने बताया कि ओलावृष्टि की सूचना मिलते ही सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे पूरा होने पर ही नुकसानी का आंकलन स्पष्ट हाे सकेगा।