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एक ज़माने में थी,जय वीरू जैसी दोस्ती अमर सिंह और अमिताभ बच्चन की ,अचानक ऐसी खटास ???

अमर सिंह और अमिताभ बच्चन की दोस्ती के बारे में कौन नहीं जनता है.अमर सिंह ही थे जिन्होंने एक समय अमिताभ को कर्ज से उबारा और जया बच्चन को राजनीति में लेकर आए थे.

90 के दशक में अमिताभ बच्चन अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे.एक के बाद एक लगातार फ्लॉप फिल्मों और अपनी कंपनी एबीसीएल के डूबने के चलते उन्हें लगातार आयकर विभाग के नोटिस मिल रहे थे.उस वक्त महज 4 करोड़ रुपये न चुका पाने के चलते उनके बंगले के बिकने और उनके दिवालिया होने की नौबत तक आ गई थी.तब अमर सिंह ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया और अमिताभ बच्चन को कर्जे से उबारा.फिर यह दोस्ती लंबी चली और बॉलिवुड से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में चर्चा का विषय रही.

जया बच्चन समाजवादी पार्टी की चार बार की राज्यसभा सांसद हैं.उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय अमर सिंह को ही दिया जाता है.कहा यह भी जाता है कि उस वक्त अमिताभ ने जया बच्चन के राजनीति में जाने का विरोध भी किया था, मगर अमर सिंह ने उन्हें राजी कर लिया.अमर सिंह ने जया बच्चन के लिए कइयों से राजनीतिक दुश्मनी मोल ली.ऑफिस ऑफ प्रॉफिट वाले मामले में जब जया बच्चन को इस्तीफा देना पड़ा, तब अमर सिंह ने सोनिया गांधी के नैशनल अडवाइजरी काउंसिल की सदस्यता के मुद्दे को उछाला, जिसके चलते सोनिया गांधी को भी इस्तीफा देना पड़ा.

2010 में जब अमर सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, उस वक्त उन्होंने जया बच्चन से भी पार्टी छोड़ने के लिए कहा,जया बच्चन अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाने को राजी नहीं हुईं.कहा जाता है कि यहीं से बच्चन परिवार और अमर सिंह के रिश्तों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गयी.

फरवरी 2020 में एक वीडियो भी आया था,जिसमें अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से माफ़ी भी मांगी.तो क्या अमिताभ बच्चन ने फिर भी उन्हें माफ़ नहीं किया? ये बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है. दोस्ती में दुश्मनी इस कदर हो गयी की अमर सिंह के जाने पर भी उन्हें श्रद्धांजलि नहीं मिली..