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ग्रहण के दौरान क्या है जो गर्भवती महिलाओं के लिये हानिकारक है

भारत समेत बहुत सी संस्कृतियों में सूर्य या चंद्र ग्रहण को गर्भवती महिलाओं के लिए अपशगुन और नुकसानदेह माना जाता है. माना जाता है कि ग्रहण से गर्भ में पल रहे शिशु पर असर पड़ता है और उसमें शारीरिक विकृतियां जैसे फांक होठ या बदसूरत जन्मचिह्न हो सकते हैं.

इस अंधविश्वास को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है. मगर यह हमारी संस्कृति में इतनी दृढ़ता से रचा-बसा है कि जब ग्रहण होने वाला हो, तो गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा को लेकर आपको या अन्य परिवारजनों को चिंता हो सकती है.

ग्रहण के हानिकारक प्रभावों में माना जाता है कि ग्रहण के दौरान यदि गर्भवती महिला सूर्य या चंद्रमा की सीधी किरणों के संपर्क में आए तो इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है. इसलिए सबसे आम सलाह यही दी जाती है कि ग्रहण के दौरान घर के भीतर ही रहा जाए. इसीलिए दुनियाभर में कहीं और हो रहे सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान भी आपको चिंता करने की जरुरत नहीं होती.

अगर, आप या आपका परिवार गर्भस्थ शिशु पर ग्रहण के असर को लेकर चिंतित हैं, तो घर के अंदर ही रहने में कोई नुकसान नहीं है. वैसे भी, यह केवल कुछ ही घंटों के लिए होता है. ऐसे में यदि इससे जुड़ी परंपराओं का पालन करके आप और आपके परिवार को मन की शांति मिलती है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. क्योंकि चंद्र ग्रहण देर रात में होता है, इसलिए इससे बचना आसान रहता है, मगर सूर्य ग्रहण के दौरान खुद को सुरक्षित रखना मुश्किल हो सकता है.

मगर, यदि आप ग्रहण की अवधि के दौरान घर पर नहीं रह सकतीं और इससे जुड़े आम नियमों का पालन नहीं कर सकतीं या फिर आप ऐसा करना नहीं चाहती हैं, तो भी फिक्र न करें. ग्रहण में बाहर निकलने से जरुरी नहीं है कि आपके शिशु को नुकसान पहुंचेगा या फिर वह किसी जन्मचिह्न के साथ पैदा होगा.

हालांकि, सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज की किरणें सामान्य से अधिक तीक्ष्ण होती हैं और यदि सूरज को सीधे देखने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए ग्रहण के दौरान सूरज को विशेष ग्रहण वाले चश्मे लगाकर ही देखें. मगर, सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण से आंखों को उतना नुकसान नहीं पहुंचता.

नियम जो हम ग्रहण के दौरान पालन करते हैं

ग्रहण के दौरान घर के अंदर ही रहने के अलावा और भी बहुत से नियम हैं जिनका पालन करने के लिए आपके दोस्त या परिवारजन कह सकते हैं. ये नियमों का पालन ग्रहण शुरु होने के कुछ घंटों पहले और ग्रहण के दौरान किया जाता है. ये नियम हर परिवार में अलग हो सकते हैं, मगर कुछ आम नियमों के बारे में यहां बताया गया है-

ग्रहण की अवधि के दौरान किसी भी पैनी या नुकीली चीज जैसे कि चाकू, कैंची या सुई के इस्तेमाल की मनाही.
ग्रहण की अवधि में कुछ भी न खाना.
ग्रहण के दौरान जितना संभव हो आराम किया जाए.
खिड़कियों को अखबारों या मोटे पर्दों से ढक देना, ताकि ग्रहण की कोई भी किरण घर में प्रवेश न कर सके.
ग्रहण से पहले के तैयार भोजन को फैंक देना.
ग्रहण समाप्त होने पर नहाना.

कुछ परिवारों का मानना है कि गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान पानी भी नहीं पीना चाहिए. हालांकि, इससे आपको निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) का खतरा हो सकता है, खासकर कि ग्रहण यदि गर्मियों में हो तो. बहरहाल केवल 2-3 घंटे के लिए खाना न खाने से शायद कोई परेशानी न हो, मगर लंबे समय तक भूखे रहने से सिरदर्द, थकान, एसिडिटीगर्भावस्था में थकानऔर यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है. अगर, आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.