देवशयनी एकादशी क्या है?
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को “देवशयनी/पद्मा एकादशी” भी कहा जाता है.
कहा जाता है कि आज से भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं और 4 मास बाद “प्रबोधिनी एकादशी” को जगते हैं.
मान्यताओं के अनुसार…!!
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु कुल चार मास के लिए निद्रा मुद्रा में चले जाते हैं यही कारण है इसे चतुर्मास भी कहा जाता है.
देवशयनी एकादशी के बाद से चार माह तक सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित हो जाएंगे.
फिर देवउठनी एकादशी यानी 14 नवंबर, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष से सभी मांगलिक कार्य शुरू होंगे.
हिंदू धर्म के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान शिव करते हैं सृष्टि का संचालन
कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी से विश्राम करने के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन सृष्टि का कार्यभार संभालते है और पुनः विवाह आदि शुभ कार्य और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं ।
!! नारायणाय हरि!! 🙏