BhopalMadhya Pradesh

नाबालिग से रेप का आरोपी प्यारे मियां को वीआईपी ट्रीटमेंट ! पुलिस कैप पहनकर पहुंचा कोर्ट

भोपाल। भोपाल में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप करने वाले आरोपी प्यारे मियां  को पुलिस मुजरिम की तरह व्यवहार करने की बजाय उसको वीआईपी ट्रीटमेंट देने में जुटी हुई है। प्यारे मियां को 5 दिन के रिमांड पर है लेकिन उनको जरा भी पुलिस का डर नहीं है। वहीं पुलिस आरोपी के मान सम्मान को सिर पर रखकर घूम रहा है।
भोपाल जिला कोर्ट में पेश होने से पहले आरोपी अपने सिर पर पुलिस की टोपी लगाए हुए था। मीडिया का कैमरा देखने के बाद पुलिस ने उसके सिर पर लगी कैप को हटाया। पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि पुलिस क्या आरोपी को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है। पुलिस के बड़े अधिकारी क्या आरोपियों से मिले हुए।

यही कारण है कि अभी तक आरोपी को न हथकड़ी लगाई गई और न ही उससे थाने में पूछताछ की गई, जहां आरोपी पर एफआईआर दर्ज हुई है। इसके बाद अब आरोपी खुद पुलिस की कैप अपने सिर पर लगा कर आता है। यानी पुलिस का मान सम्मान उसके सिर पर है और पुलिस के अधिकारी कहीं न कहीं उससे मिले हुए हैं। यही कारण है कि हाल ही में बने नए पुलिस कंट्रोल रूम जिसे वीआईपी पुलिस कंट्रोल रूम कहा जाता है, जहां पर बड़े अधिकारी बैठते हैं वहां पर उससे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस की मिलीभगत हुई उजागर


आरोपी प्यारे मियां को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इस बात का खुलासा कोर्ट में आरोपी प्यारे मियां को पेश करने के दौरान हुआ। दरअसल, जब आरोपी प्यारे मियां को एसआईटी ने कोर्ट में पेश किया। उस दौरान गाड़ी से उतरते समय आरोपी प्यारे मियां के सिर पर पुलिस का मान सम्मान वाली टोपी लगी हुई थी। मीडिया के कैमरे जैसे ही आरोपी प्यारे मियां के सामने गए, तो एसआईटी ने आरोपी के सिर से उस टोपी को हटा लिया। इस घटना के बाद यह साफ हो जाता है कि पुलिस के बड़े अधिकारी या फिर निचले स्तर के अधिकारी सभी आरोपी प्यारे मियां से मिले-जुले हैं।

आरोपी को कब तक दिया वीआईपी ट्रीटमेंट

पुलिस सूत्रों की माने तो गिरफ्तारी के बाद आरोपी को हथकड़ी लगाना जरूरी था. लेकिन श्रीनगर से गिरफ्तारी के बाद जब भोपाल एयरपोर्ट पुलिस की टीम पहुंची तो आरोपी के हाथ में हथकड़ी नहीं थी. आरोपी को पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया. इसके बाद उसका मेडिकल चेकअप कराया गया. लेकिन तब भी पुलिस की टीम ने आरोपी को हथकड़ी नहीं लगाई. इसके अलावा यह सवाल भी खड़ा होता है कि जब आरोपी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हुई है, तो उसे नए पुलिस कंट्रोल रूम में क्यों ले गए. उससे नए पुलिस कंट्रोल रूम में पूछताछ की गई. यह बड़ा सवाल है, क्योंकि एफआईआर जब थाने में दर्ज हुई है तो क्यों आरोपी से पूछताछ नए जिसे वीआईपी पुलिस कंट्रोल रूम कहा जाता हैं उसमें की गई.