BhopalMadhya Pradesh

मध्य प्रदेश का गांव, जहां बेडरूम और किचन में भी रहते हैं सांप

मध्य प्रदेश के एक गांव में इतने अधिक मात्रा में सांप निकलते थे कि उन्हें चुन-चुनकर पकड़ा जाता था. यह गांव खंडवा शहर के नजदीक है. अधिक मात्रा में सांपों के निकलने के वजह से इस गांव का नाम भी नागचुन पड़ गया. नागचुन गांव की सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि विषैले सांप केवल इस गांव के खेतों और गलियों में ही नहीं बल्कि घरों के बेडरूम, किचन और कपड़ों के हेंगर पर भी लटकते हुए नजर आ जाते हैं. हालांकि, पहले के अपेक्षा अब खेतों में रासयनिक खाद का अधिक इस्तेमाल होने के कारण अब सांपों की संख्या कम होती जा रही है.

रिवार के सदस्य की तरह होते हैं ये सांप

नागचुन हवाई पट्टी के सामने 16 एकड़ में फैले खेत में पंडित सौरभ चौरे अपने परिवार के साथ रहते हैं. सौरभ के खेत और गांव में हजारों जहरीले सांप हैं. ये सांप घरों में आकर किचन, बेडरूम, बाथरूम व आंगन में आकर बैठ जाते हैं. 5-6 पीढ़ियों से उनका परिवार इस जगह पर रह रहा है, लेकिन कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इसा गांव के 80 वर्षीय भैयालाल यादव ने बताया कि कोई भी शुभ कार्य या शादी की शुरुआत नाग देवता के मंदिर में पूजा से होती है. साथ ही नागचुन गांव में नागपंचमी ही नहीं बल्कि हर महीने की पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है.

सांपों के लिए अनुकूल जगह मानते हैं विशेषज्ञ
जंतु विज्ञान के विशेषज्ञ राजेश सिंह के अनुसार, नागचुन गांव की भौगोलिक स्थित सांपों के लिए बेहद अनुकूल है. यहां बांस के पेड़ के अलावा तालाब, नहर, नाला और चट्टानी इलाका है, जो सांपों के रहने के लिए प्राकृतिक रूप से सही जगह होता है. क्योंकि ऐसे जगहों पर सांपों को भोजन, सुरक्षा और हेचरी आसानी से मिल जाते हैं.

नागचुन गांव का विषैले सांपों से बहुत पुराना नाता है

भैयालाल यादव ने बताया कि गांव में हमारा परिवार ढाई सौ साल से रह रहा है. गांव में सांपों को पकड़ने वाले कालबेलियों का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित है. साल 1894 में अंग्रेजों ने इस गांव में 5200 एकड़ भूमि पर तालाब बनवाया, जिससे खंडवा शहर को जल आपूर्ति होती थी. इस गांव में रहने वाले सांप लोगों को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और गांव के लोग भी इन्हें कभी नहीं मारते हैं.


नागचुन गांव में भारत के सबसे विषैले माने जाने वाले सांप इंडियन कोबरा, इंडियन ग्रेट, रसेल वाईपर, एलबिनो कोबरा, पद्मा नागिन, धामन जैसे सांपो के अलावा और 30 फीट तक लंबा अजगर भी अक्सर दिखाई देता है. इस गांव में कुल आबादी एक हजार के आसपास है. जहरीले सांपों के बीच में रहने के बावजूद भी इस गांव में सर्पदंश के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.