नगरीय निकाय चुनाव : हाई कोर्ट के फैसले से कुछ समय तक टल सकते हैं चुनाव
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के कुछ समय टलने के आसार नजर आ रहे हैं. हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए की गई आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. ऐसी स्थिति में सोमवार को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हो पाएगी.
एक तरफ मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई थी, लेकिन दूसरी तरफ निकाय चुनावों के लिए हुई आरक्षण की प्रक्रिया को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में चुनौती दी गयी थी. जिसमें लंबी बहस के बाद कोर्ट ने शासन और याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद निकाय की आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के आरक्षण में नहीं हुआ नियमों का पालन
हाईकोर्ट में 10 दिसंबर 2020 निकाय चुनाव के लिए की गई आरक्षण की व्यवस्था को ये कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसमें अध्यक्ष पद का आरक्षण करने में रोटेशन पद्धति का पालन नहीं किया गया. याचिका में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए हुए आरक्षण को निरस्त करने की मांग की गई थी.
याचिकाकर्ता मानवर्धन सिंह तोमर का कहना था कि अधिकांश नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष पद लंबे समय से एक ही वर्ग के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं. इस वजह से दूसरे वर्ग के लोगों को अध्यक्ष के पद पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिल पा रहा है. याचिकाकर्ता ने प्रदेश की 79 नगर पालिका और नगर परिषद के अलावा 2 मेयर सीट का हवाला भी याचिका में दिया था. जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी.