4.50 लाख MP पेंशनरों के लिए अपडेट, महंगाई राहत में 4% वृद्धि, अप्रैल से बढ़कर मिलेगी पेंशन, संघ की मांग- जुलाई 2023 से DR की दरें लागू करें सरकार…
भोपाल : मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनरों ( 7th Pay Commission) के लिए खुशखबरी है।सरकारी कर्मचारियों की तरह लोकसभा चुनाव और होली से पहले छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति मिलने के बाद मोहन यादव सरकार ने पेंशनरों की महंगाई राहत में भी 4 फीसदी की वृद्धि कर दी । हालांकि यह वृद्धि 1 मार्च 2024 से लागू की गई है, जिसके चलते तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने नाराजगी जताई है और सीएम मोहन यादव से कर्मचारियों की तरह पेंशनरों को भी 1 जुलाई 2023 से महंगाई राहत देने की मांग की है।
एमपी के 4.50 लाख पेंशनरों की महंगाई राहत में 4% वृद्धि
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा धारा 49 के तहत राज्य के सेवानिवृत कर्मचारियों को जुलाई 2023 से 46% DR करने के लिए 15 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ शासन को सहमति पत्र प्रदान करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र के जवाब में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सहमति तो दी गई लेकिन पेंशनरों को जुलाई 2023 से 46% का लाभ न देते हुए मार्च 2024 से 46% करने के लिए पत्र जारी किया है। ऐसा करने से राज्य के 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों को 8 महीने के नुकसान के साथ DR में वृद्धि होगी।
नई दरें मार्च 2024 की बजाय जुलाई 2023 से लागू करने की मांग
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि राज्य के सेवानिवृत कर्मचारियों को जनवरी 2023 में 42% महंगाई राहत की गई थी तब से अभी तक उनकी पेंशन में कोई वृद्धि नहीं हुई है जबकि वृद्धावस्था में घरेलू एवं कई बीमारियों के कारण आर्थिक परेशानी इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर बनी रहती है। राज्य के सेवानिवृत कर्मचारी जो की वरिष्ठ जन की श्रेणी में आते हैं 8 महीने देरी से 4% महंगाई राहत प्रदान करना न्यायोचित नहीं है। कर्मचारी संघ की प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से मांग है सेवानिवृत कर्मचारियों को भी राज्य के कर्मचारियों की तरह जुलाई 2023 से 46% महंगाई राहत प्रदान की जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य
दरअसल, जब भी MP में पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि की जाती है तब छग सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है, क्योंकि मप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारणमहंगाई राहत वृद्धि के लिए छग सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अनुसार राज्य को DR में वृद्धि करने से पूर्व सहमति लेनी होती है, क्योंकि इससे जो आर्थिक भार आता है उसका 74% हिस्सा MP और 26% CG वहन करता है। यह प्रविधान अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर पर लागू होता है।