जब तक तीन महीने 20 दिन का वेतन नहीं मिल जाता, तब तक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
ग्वालियर: ग्वालियर में वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर गए निगम में आउटसोर्स पर काम कर रहे ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारियों ने रविवार को बस स्टैंड के बाहर कचरा फेंका. हड़ताली कर्मचारियाें ने निगम की डिपो से निकलने वाले वाहनाें काे भी राेकने की कोशिश की.
इसके बाद निगम अधिकारियों ने पुलिस को बुलाया ताे हड़ताली कर्मचारी थाटीपुर और मुरार चले गए. कर्मचारियाें ने थाटीपुर, मुरार, कालपी ब्रिज रोड, गोले का मंदिर, उप नगर हजीरा सहित कई जगह कचरा सड़कों पर डाला. उधर, हड़ताल और कचरा सड़काें पर फेंके जाने का मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय तक पहुंच गया है.
सीएम के स्टाफ ने कलेक्टर काे फाेन कर कर्मचारियाें का वेतन भुगतान में देरी करने वाले अधिकारी और स्टाफ पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. इस कारण रविवार काे छुट्टी हाेने के बाद भी सभी कर्मचारियाें के खातों में वेतन की राशि डाली गई. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निगमायुक्त से जिम्मेदार अफसराें पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.
निगम के अधिकारियों का दावा है कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खाते में 20 अक्टूबर से नवंबर 2020 तक का वेतन डाल दिया गया है. दिसंबर का वेतन जल्द दिया जाएगा. जबकि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों का कहना है कि जब तक तीन महीने 20 दिन का वेतन नहीं मिल जाता, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे.
1 साल में वेतन के लिए नौ बार हड़ताल
ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारी (अब नगर निगम में आउटसोर्स पर कार्यरत) पिछले एक साल में वेतन के लिए नाैवीं बार हड़ताल कर चुके हैं. पहले कंपनी के अफसरों ने वेतन देने में लापरवाही की और अब नगर निगम भी वेतन समय पर नहीं दे रहा है. इस कारण नाैवीं बार हड़ताल की गई है.
वेतन खातों में डाल दिया है
नगर निगम ने ईको ग्रीन से लिए गए आउटसोर्स के सभी कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में डाल दिया है. ईकोग्रीन कंपनी के हड़ताली कर्मचारियों ने जहां कचरा डाला था, हमने उसे हटवा दिया है.
- संदीप माकिन, आयुक्त नगर निगम
दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा
हड़ताल को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कचरा फेंकने वालों और वेतन समय पर नहीं देने वालों पर एक्शन लिया जाए. नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर