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उज्जैन महाकाल मंदिर गर्भगृह आग मामला : आग में झुलसे सेवक की इलाज के दौरान मौत, 40 वर्षों से निभाते थे भस्म आरती में महत्वपूर्ण भूमिका…

उज्जैन : हमेशा की तरह इस बार भी 25 मार्च को होली के त्योहार पर उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भ ग्रह में बाबा महाकाल को गुलाल लगाया गया था। लेकिन होली के दिन ही सुबह 5:49 बजे भस्म आरती के दौरान गुलाल फेंकने के कारण गर्भ ग्रह में अचानक आग लग गई। इस आग में पुजारी समेत 13 लोग झुलस गए थे। गंभीर घायलों को तत्काल इंदौर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

80 वर्षीय सेवक सत्यनारायण सोनी को आग में 50 प्रतिशत तक झुलसे हुए गंभीर स्थिति में इलाज के लिए इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आग हादसे के लगभग 15 दिन बाद महाकाल मंदिर के सेवक सत्यनारायण सोनी ने मुंबई के अस्पताल में दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि सत्यनारायण सोनी सेवक के रूप में पिछले 40 वर्षों से प्रतिदिन महाकाल मंदिर की भस्म आरती में आते और महाकाल में हर तरह के कार्य किया करते थे। वे प्रतिदिन भस्म आरती में महाकाल को भस्म चढ़ने से पहले महिलाओं को अपने सर पर पल्लू लेने का निर्देश दिया करते थे। सोनी की मौत की खबर से महाकाल मंदिर के कर्मचारी पुजारी और श्रद्धालुओं में शोक और वेदना का माहौल है। सोनी महाकाल मंदिर में पिछले 40 वर्षों से सेवक के रूप में कार्यरत थे और भस्म आरती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

मंदिर में आग लगने की घटना में 13 अन्य लोग भी घायल हुए थे जिनमें से 9 को इंदौर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। बाकी घायलों का इलाज उज्जैन में ही चल रहा है। अभी भी इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में में पुजारी पुत्र मनोज शर्मा (43), पुजारी संजय शर्मा 50 और सेवक चिंतामणि (65) का इलाज चल रहा है।

कैसे लगी थी आग

यह घटना गुलाल पूजा की थाली पर जलता हुआ कपूर गिरने से हुई थी, जो फर्श पर फैल गया और आग में बदल गया। इस हादसे में मंदिर में मौजूद पुजारी, सेवक और कर्मचारी झुलस गए। गर्भगृह के बाहर नंदी हॉल में इस घटना के समय कई VVIP और अन्य लोग मौजूद थे, लेकिन भक्तों में कोई हताहत नहीं हुआ। इस घटना की वीडियो मंदिर में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई है। महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि होली के अवसर पर एक अनुष्ठान के तहत गुलाल फेंके जाने के बाद आग लगी थी।