ट्विटर वार : शिवराज बोले- हमें जनता का निर्णय शिरोधार्य, कमलनाथ का जवाब- जनता ने कांग्रेस की सरकार बनाई थी, लेकिन आपने सौदेबाजी करके गिरा दी
भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनावों के तारीख घोषित होने के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ लगातार एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। आईफा अवॉर्ड पर बहस के बाद शनिवार को शिवराज ने फिर से कमलनाथ को घेरा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ‘आपके झूठे वादों से डिफॉल्टर बन चुके किसानों को राहत दूं? फसल खरीदूं? फसल बीमे से नुकसान का भुगतान करूं? छात्रों को प्रोत्साहन दूं? बेटियों का कन्यादान करूं? स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण दूं या फिल्मी सितारों का मजमा लगा कर तमाशा रचाऊं? कमलनाथजी, हमें जनता का निर्णय शिरोधार्य होगा।
इस पर कमलनाथ ने एक के बाद पांच ट्वीट करके जवाब दिया। उन्होंने लिखा- शिवराजजी, जनता ने तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने का निर्णय लिया था लेकिन आपको जनता का निर्णय कहां शिरोधार्य हुआ? सौदेबाजी से, लोकतंत्र की हत्या करके, जनादेश का अपमान करके हमारी सरकार बीच में ही गिरा दी। आपकी सरकार में प्रदेश की पहचान माफियाओं और मिलावटखोरों से थी।
‘हमें तमाशे और तमाचे की राजनीति नहीं आती है’
एक अन्य ट्वीट में शिवराज ने कहा कि ‘हमें ना तो ‘तमाशों’ की राजनीति आती है ना ही ‘तमाचों’ की। हमें तो सिर्फ जनता की सेवा की नीति आती है। हे ईश्वर! मुझे तुम इतनी शक्ति देना की हर तरह से मैं मध्यप्रदेश की सेवा कर पाऊं।’
कमलनाथ ने गिनाई 15 महीने की उपलब्धियां
कमलनाथ ने कहा कि ‘हमने अपनी 15 माह की सरकार में आपके द्वारा सौंपे गए ख़ाली ख़ज़ाने से किसानों की कर्ज माफी की, माफियाओं-मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया, प्रदेश में निवेश लाने का काम किया, युवाओं को रोजगार देने का काम किया, महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा प्रदान की, प्रदेश में गौशाला का निर्माण शुरू कराया, पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने का काम किया, कन्या विवाह की राशि बढ़ाई, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि भी बढ़ाई, जनता को सस्ती बिजली भी प्रदान की, अतिवृष्टि से खराब फसलों का तत्काल मुआवजा भी प्रदान किया।
आईफा पर भिड़ गए थे दोनों नेता
इसके पहले शुक्रवार को सीएम शिवराज ने कहा था कि आईफा जैसे तमाशे पसंद नहीं करता, कोरोना संकट में ये तर्कसंगत नहीं है। इस पर कमलनाथ ने कहा कि जिन्होंने 15 साल केवल तमाशा किया, वह आईफा को तमाशा बता रहे हैं। क्या तमाशा है क्या नहीं, ये जनता तय करती है। शिवराज ये तय करने वाले कौन होते हैं। इसके पहले किसान कर्जमाफी को लेकर दोनों नेताओं के बीच तल्खी बनी हुई थी, जब कमलनाथ ने शिवराज को नालायक बोल दिया और कहा था कि मैं एक-एक किसान का ब्योरा, जिनका कर्ज माफ हुआ है। शिवराज को दे दूंगा, मैं उन्हें चुनौती देता हूं वो मेरे सामने आएं और इस पर चर्चा कर लें। इस पर शिवराज ने भी कहा था कि कमलनाथ को अगर कीचड़ ही पसंद है तो वही सही।