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पॉजिटिव न्यूज : कोरोनाकाल में आदिवासी क्षेत्र के स्कूल को बना दिया प्राइवेट से बेहतर

बालाघाट/ परसवाड़ा। परसवाड़ा अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्राम भीड़ी का सरकारी विद्यालय को कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर आधुनिक उपकरणों से लैस हो चुका है। स्कूल खुलने के बाद यहां पर बच्चों को एलईडी एवं प्रोजेक्टर के जरिए अध्यापन कराया जाएगा।


कोरोनाकाल में स्कूल बंद रहने के बाद भी यहां पर स्कूल प्राचार्य और शिक्षकों द्वारा पहुंचकर जहां साफ-सफाई कराई गई। वहीं स्कूल को संवारने के लिए अपने बूते भी कई काम कराए गए हैं जो ग्रामीणजनों के बीच चर्चा का विषय बने हैं।


एलईडी प्रोजेक्टर व साउंड सिस्टम लगे


विद्यालय मे छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लास अन्तर्गत शिक्षा प्रदाय के लिए कक्षों में एलईडी प्रोजेक्टर और साउंड सिस्टम लगाया गया है। कक्ष में बैठक व्यवस्था को लेकर बाकायदा फायवर चेयर भी लगाई गई है। परसवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत यह शासकीय हायर सैकण्डरी स्कूल भीड़ी ने अपनी अलग ही पहचान कायम की है।

सीसीटीवी से लैस कैम्पस

स्कूल के कैम्पस को पूरी तरह से सीसीटीवी से लैस कर दिया गया हैं। विद्यालय के सभी कक्षों सहित चारों ओर नजर रखने के लिए सीसीटीवी व पीए सिस्टम लगाये गये हैं। विद्यालय के प्राचार्य कार्यालय मे ही बैठकर चारों ओर होने वाली छात्रों की सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।

सभा मंच का कराया निर्माण

इसके पूर्व विद्यालय प्रांगण के मध्य में ही विद्यालय मे होने वाले साहित्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे अन्य क्रियाकलापों व गतिविधियों के संचालन के लिए टीन शेड से सभा मंच तैयार किया गया है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि यह सभी काम सभी के सहयोग से कराए गए हैं ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके।

आरओ मशीन लगाई

विद्यालय प्रांगण मे ही समरशियल सबमर्शियल बोरवेल लगाकर पानी की समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं को शुद्ध और शीतल पानी पीने के पानी के लिए दो आरओ वाटर प्यूरीफायर लगाया गया है जिससे यहां के छात्र-छात्राओं को शुद्ध व शीतल पीने का पानी मिलता है।

इन्वर्टर सिस्टम और वॉल फेन

कक्षों में बिजली की समुचित व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां पर इन्वर्टर सिस्टम लगवाए गए हैं। साथ ही विद्यालय के प्रत्येक कक्ष में ट्यूबलाइट व वॉल फेन सहित सिलिंग फेन भी लगवाए गए हैं।

प्राचार्य की पहल से संभव हुआ काम

जानकारी के अनुसार विद्यालय में नवाचार के अंतर्गत यह कार्य संभव हो पाए हैं। ग्रामीणों का कहना रहा कि विद्यालय के प्राचार्य आलोक चौरे के विशेष प्रयासों के चलते ही यह संभव हो सका है। उनके द्वारा छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास को लेकर स्कूल में बेहतर कार्य कराए गए हैं। इस काम में स्कूल प्रबंधन का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ है।