ग्वालियर में संक्रमण दर ढाई गुना ज्यादा, लेकिन रिकवरी रेट 11% कम
ग्वालियर। ग्वालियर में कोरोना के बढ़ते मरीजों और अधिक संक्रमण दर से हालात और मुश्किल होते जा रहे हैं। जिससे ग्वालियर में कोरोना संक्रमण भयावह स्थिति में पहुंच गया है। प्रदेश की तुलना में ग्वालियर में ज्यादा तेज गति से संक्रमित मिल रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश की औसत संक्रमण दर बीते दस दिनों में 6.9 रही। जबकि ग्वालियर में संक्रमण दर 16.89 तक पहुंच गई। यानी प्रदेश से लगभग ढाई गुना ज्यादा। चिंता की बात यह है कि ग्वालियर में मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी घट रही है।
बुधवार तक प्रदेश की रिकवरी रेट 75.57 पर पहुंच गई तो वहीं ग्वालियर में यह 64.78 पर ही सीमित है। यानी 100 मरीजों में से 64 मरीज ही ठीक होकर घर लौट पाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त के बाद सितंबर के पहले सप्ताह में तेजी से बढ़ी संक्रमितों की संख्या के कारण रिकवरी रेट में गिरावट आई है। यदि संक्रमितों की रफ्तार प्रतिदिन 150 से 200 के बीच बनी रहती है तो रिकवरी रेट बढ़ने की संभावना कम है। इस कारण अब लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
इन कारण तेजी से फैला संक्रमण
1 राजनीतिक आयोजन
अगस्त में प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने शहर में आयोजन किए। इसमें आसपास के जिलों के भी हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस कारण शहर में संक्रमितों की संख्या में तेजी आई। इन कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद कई प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के नेता भी संक्रमित पाए गए।
- कम सैंपलिंग
ग्वालियर प्रदेश का तीसरा सबसे ज्यादा संक्रमित शहर है। इसके बाद भी जिस अनुपात में इंदौर और भोपाल में रोज सैंपलिंग की जा रही है, ग्वालियर में नहीं हो पा रही है। जुलाई में 30898 और अगस्त में 31439 सैंपल लिए गए। जुलाई 1939 संक्रमित थे, जो अगस्त में बढ़कर 3699 पहुंच गए थे। - उल्लंघन
शुरुआत में पुलिस ने सड़कों पर सख्ती बरती थी। शहर के प्रमुख चौराहों पर चेकिंग कर बिना मास्क घूम रहे लोगों के चालान भी पुलिस ने काटे, लेकिन इसके बाद से कार्रवाई सुस्त होती गई। प्रशासन ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने व मास्क लगाने को लेकर प्लानिंग नहीं की गई।