Ajab GajabBy-electionFEATUREDGeneralLatestNationalNewsPolitics

टूट गई परंपरा, आजादी के बाद पहला मौका जब लोकसभा अध्यक्ष के लिए होगी वोटिंग, कल 26 जून को होगा चुनाव…

नई दिल्ली : आम सहमति से लोकसभा स्पीकर का चयन किये जाने की वर्षों पुरानी परंपरा इस बार टूट रही है, देश की आजादी के बाद पहली बार लोकसभा स्पीकर का चुनाव होने जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि स्पीकर के लिए विपक्षी दल और सत्ता पक्ष के नेताओं में सहमित नहीं बन पाई, अब NDA और I.N.D.I.A दोनों ही गठबंधन ने अपने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। कल 26 जून को चुनाव होगा जिसमें तय हो जायेगा कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला होंगे या फिर के सुरेश।

आजादी से पहले एक बार हुआ था लोकसभा स्पीकर के लिए चुनाव 

आपको याद दिला दें कि लोकसभा के पहले अध्यक्ष के लिए जीवी मावलंकर और शंकर शांताराम मोरे के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें मावलंकर को 394 वोट मिले थे औ रवो जीत गए थे लेकिन ये आजादी के पहले की बात  है , उसके बाद से लोकसभा अध्यक्ष का चयन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आपसी सहमति से करते आये हैं लेकिन 18 वीं लोकसभा में ये परंपरा टूट गई है अब लोकसभा स्पीकर के लिए वोटिंग होगी।

ओम बिरला NDA के और के सुरेश INDIA के उम्मीदवार 

NDA की तरफ से लोकसभा स्पीकर पद के लिए पिछली लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि INDIA गठबंधन की तरफ से 8 बार के सांसद के सुरेश को प्रत्याशी बनाया गया है। कहा जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सहमति बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन विपक्ष इस बात पर अड़ गया कि पहले ये वादा करें कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के पास रहेगा तभी वे लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए समर्थन देंगे, लेकिन स्पीकर से पहले डिप्टी स्पीकर का नाम तय करने की मांग को NDA ने स्वीकार नहीं किया और फिर विपक्ष ने के सुरेश का नामांकन फॉर्म दाखिल करवा दिया।

संख्या बल के हिसाब से बिरला की जीत निश्चित 

दो उम्मीदवारों के फॉर्म भरने से अब कल बुधवार 26 जून को चुनाव होगा, सभी सांसद मतदान करेंगे, उसके बाद जो विजेता होगा वो लोकसभा सिपकर होगा, उधर आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो NDA के पास कुल सांसदों की संख्या 293 हैं जबकि INDIA के पास 234 सांसद हैं, इसलिए ये तय माना जा रहा है कि ओम बिरला का एक बार फिर लोकसभा स्पीकर बनना तय है।