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कोरोना काल में हजारों बेसहारा लोगों के मददगार सोनू सूद का आज है जन्मदिन

बॉलीवुड की कई फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद अब पूरे देश के लिए मसीहा बन चुके हैं. करीब 45 हजार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने से लेकर, लोगों को दवाई, ऑक्सीजन देने, गरीबों को फाइनेंशियल हेल्प करने तक, सोनू हर जरुरतमंद की मदद करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

आज दूसरों के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे सोनू सूद खुद एक समय काम की तलाश में मुंबई की सड़कों पर पैदल फिरते थे। आज सोनू के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं कैसा था उनका स्ट्रगल से भरा उतार-चढ़ाव वाला सफर-

सोनू को इंजीनियर बनाना चाहते थे पिता

आज एक कामयाब एक्टर बन चुके सोनू सूद का जन्म पंजाब के मोगा में 30 जुलाई 1973 में हुआ था. सोनू के पिता एक कपड़े की दुकान चलाते थे जो एक आम पिता की तरह अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे. पिता के कहने पर सोनू इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने नागपुर पहुंच गए। सोनू ने पढ़ाई तो पूरी कर ली लेकिन उनकी मंजिल कुछ और ही थी.

एक साल तक रिजेक्शन झेलते रहे एक्टर

पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनू हीरो बनने का सपना देखकर लाखों नौजवानों की तरह 1996 में सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गए. 2020 में प्रवासियों के लिए मसीहा बने सोनू का एक लोकल ट्रेन का पास खूब वायरल हुआ था। ये पास 1997 का था जिसके जरिए सोनू कई किलोमीटर का सफर लोकल ट्रेन के धक्के खाते हुए पूरा करते थे। इस पास को खुद सोनू ने भी शेयर किया था.

एक इंटरव्यू के दौरान सोनू ने बताया कि वो महज 5500 रुपए लेकर मुंबई पहुंचे थे जो उन्होंने खुद इकट्ठा किए थे. यहां आकर सोनू ने सबसे पहले 400 रुपए फिल्मसिटी पहुंचने में गंवा दिए. सोनू को लगता था कि अगर वो फिल्मसिटी में घूमते रहेंगे तो किसी ना किसी निर्देशक और प्रोड्यूसर की उन पर नजर पड़ेगी और उन्हें फिल्मों में काम मिल जाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.

संघर्ष किया तब जाकर बने स्टार

3 लोगों के साथ एक कमरा शेयर करते हुए सोनू गरीबी में गुजारा किया करते थे. उन्हें जब भी ऑडीशन का कॉल आता तो उनके साथ लाइन में 200 से ज्यादा लोग ऑडीशन देने के लिए खड़े होते थे जहां उन्हें सिर्फ रिजेक्शन झेलना पड़ता था.

कई महीनों तक मुंबई में रिजेक्शन का सामना करने के बाद सोनू हैदराबाद पहुंचे. यहां उन्हें काम मिलना शुरू हो गया. सोनू ने साल 1999 में तमिल फिल्म काल्लाझगर और नैंजीनीले से डेब्यू करने का मौका मिला. इसके बाद सोनू के टैलेंट को देखते हुए उन्हें की फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाने का मौका मिला.

साल 2002 में सोनू ने बॉलीवुड फिल्म शहीद-ए-आजम में भगत सिंह की भूमिका निभाकर सबका दिल जीता. इसके बाद एक्टर युवा, आशिक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, दबंग, आर राजकुमार, शूटआउट एट वडाला, तूतक तूतक तूतिया, पलटन और सिंबा जैसी फिल्मों में नजर आए.