आज है सोमवती अमावस्या, जानें क्या है प्रमुख कारक
6 सितंबर को सोमवती अमावस्या आ रही है. ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व देखें तो चंद्रमा को माता के सुख का कारक ग्रह माना गया है.
अगर किसी की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ, कमजोर या नीच राशी का हो. तो ऐसे जातक को उसकी माता से प्रेम और स्नेह नही मिल पाता. इसके इलावा चंद्रमा को चल अचल सम्पति जैसे की जमीन और जमापूंजी के सुख का कारक भी माना गया है.
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अमावस्या और पूर्णिमा का बहुत महत्व है, और सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को बहुत शुभ माना जाता है.
सोमवती अमावस्या के व्रत का यह है अर्थ
इस दिन संतान की इच्छा रखने वाले दम्पति इस दिन व्रत रख सकते हैं. जो लोग सभी अमावस्या के दिनों में व्रत नहीं कर सकते हैं वे सोमवती अमावस्या का व्रत रख सकते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, उनकी सेहत और पति के जीवन में वृद्धि होती है.
पृथ्वी पर यह होगा असर
सोमवती अमावस के दिन समुद्र के किनारे कई स्थितियां देखने को मिलेंगी. सोमवती अमावस के दिन चंद्रमा के कारण समुद्र के पानी में सुनामी जेसी एस्थिति आ जाती है. इस दिन आत्महत्या भी बहुत अधिक होती है क्योंकि चंद्रमा मनका कारक भी होता है. चंद्रमा सोमवार का दिन और अमावस तीनों का मिलन त्रिकाल योग बनाता है जो सोमवती अमावस्या को बन रहा है. रोग निदान वा ऊपरी भूत बाधा निदान के लिए भी यह दिन अच्छा माना गया है.