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आज है हरियाली तीज, शुभ मुहर्त में महिलायें ऐसे करें पूजा

सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है. इन्हीं त्योहारों में से एक है हरियाली तीज है, जो देशभर में मनाई जाती है. हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है. हरियाली तीज सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. महिलाएं इस दिन का पूरे वर्ष इंतजार करती हैं. हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व है. यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व है.

ऐसे करें हरियाली तीज की पूजा

इस दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करके बालू रेत से शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाकर विधिवत पूजन करें. मां पार्वती को सुहाग की सारी सामग्री अर्पित करें. भगवान शिव को बेल, धतूरा आदि से पूजन कर मिष्ठान्न का भोग लगाएं. इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें. महिलाएं यह व्रत सुहाग की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से करती हैं.

हरियाली तीज का शुभ मुहर्त

तृतीया तिथि समाप्त: – 11 अगस्त, बुधवार शान (04:56)

अमृत काल: – सुबह (01:52) से (03:26) तक

ब्रह्म मुहूर्त: – सुबह (04:29) से (05.17) तक

विजय मुहूर्त: – दोपहर (02.14) से (03.07) तक

गोधूलि बेला: – शाम (06.23) से (06.47) तक

निशिता काल: – रात (11.41) से 12 अगस्त सुबह (12:25) तक

रवि योग: -12 अगस्त सुबह (09:32) से (05:30) तक

हरियाली तीज को क्यों कहा जाता है कजली तीज

राजस्थान में तीज धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व को ऋतु उत्सव के रूप में मनाते है. आसमान में काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली तीज और हरियाली के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं. इस तीज-त्योहार पर राजस्थान में झूले लगते हैं और नदियों के तटों पर मेलों का आयोजन होता है. इस त्योहार के आस-पास खेतों में खरीफ फसलों की बुआई भी शुरू हो जाती है. इस बार कोरोना वायरस के कारण आयोजन नहीं होंगे.

हरियाली तीज पूजा मंत्र

देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व।

कामांश्च देहि मे।।