साल भर में सिर्फ एक बार खुलता है यह अद्भुत मंदिर
उज्जैन। हिंदू धर्म में सदियों से नाग पूजा की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नाग को भगवान का आभूषण भी माना गया है। भारत में नागों के अनेक मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है, उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर का। इसकी खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर ही दर्शन के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागदेव स्वयं मंदिर में मौजूद रहते हैं। इस बार नागपंचमी 19 अगस्त को है। ऐसे में 18 अगस्त की रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पट खुलेंगे तथा 19 अगस्त की रात 12 बजे तक दर्शन होंगे।डेढ़ से दो घंटे में दर्शननागपंचमी पर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में प्राचीन श्री नागचंद्रेश्वर महादेव के सामान्य एवं वीआईपी मार्ग से श्रद्धालु के लिए प्रशासन ऐसी व्यवस्था कर रहा है कि डेढ़ से दो घंटे में दर्शन हो जाएं। वर्ष में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए इस बार भी प्रशासन को देशभर से दो से तीन लाख से अधिक श्रद्धालु के आने की संभावना है। मंदिर प्रशासन के अनुसार इस बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि आम एवं वीआईपी दोनों ही प्रकार के दर्शनार्थियों को डेढ़ घंटे से दो घंटे में दर्शन कराया जा सके।नागपंचमी महापर्व पर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित प्राचीन श्री नागचंद्रेश्वर महादेव के मंगलवार-बुधवार की मध्य रात 12.00 बजे पट खुलेंगे और परंपरा अनुसार पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव का प्रथम पूजन करेंगे। पूजन के बाद मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।नाग आसन पर शिव-पार्वती के दर्शननागचंद्रेश्वर मंदिर में श्रद्धालु 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा के दर्शन करेंगे। इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं। नागपंचमी पर इस प्रतिमा के दर्शन के बाद श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन करेंगे। कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन खुद नागदेव मंदिर में मौजूद रहते हैं।