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कुख्यात अपराधियों पर भारी पड़ रहा MP सरकार का ये अभियान, जानें क्या है ऑपरेशन बेल टू जेल?

भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में ऑपरेशन ‘बेल टू जेल’ चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत जेल से बेल पर बाहर आने वाले कई अपराधी को एक बार फिर जेल पहुंचाया जा रहा है. पुलिस का यह अभियान मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, नर्मदा पुरम, भोपाल सहित सभी संभागों में तेजी से चल रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बीते माह कहा था कि जेल से जमानत पर बाहर आने वाले बदमाशों को एक बार फिर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा. इस अभियान ने अब पूरे मध्य प्रदेश में जोर पकड़ लिया है. उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा के मुताबिक जेल से जमानत पर बाहर आकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों की जमानत निरस्त कराई जा रही है. उज्जैन में दर्जनभर बदमाशों की जमानत निरस्त करा दी गई है.

इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता के मुताबिक सरकार के अभियान का असर धरातल पर दिख रहा है. इंदौर में भी अभियान के तहत बड़ी संख्या में बदमाशों की जमानत निरस्त हुई है. छिंदवाड़ा डीआईजी सचिन कुमार अतुलकर के मुताबिक जब बदमाशों की जमानत निरस्त हो जाती है तो उन्हें फिर न्यायालय से दोबारा जमानत लेने में काफी दिक्कत आती है. अपराधियों के लिए यह अभियान काफी कारगर साबित हो रहा है.

बड़वानी जिले में ताजा मामला सामने आया

बड़वानी पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने बताया कि शाहबाज नामक बदमाश ने साल 2019 में सेंधवा शहर के व्यापारी के पुत्र का अपहरण कर सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था. वह साल 2020 में जमानत पर बाहर आ गया था. उसने दोबारा आपराधिक वारदात को अंजाम दिया. आरोपी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था. इसी के चलते उसकी उच्च न्यायालय इंदौर से जमानत निरस्त कर दी गई है.

ऑपरेशन बेल टू जेल के तहत बड़वानी पुलिस ने शाहबाज को फिर जेल भिजवा दिया. एसपी पुनीत गहलोत के मुताबिक चार महीने में पांच बदमाशों की जमानत निरस्त करवा दी गई है.  इनमें से चार की उच्च न्यायालय और एक की जिला न्यायालय जमानत निरस्त हुई है. अभी 50 और कुख्यात बदमाश निशाने पर है.