Madhya Pradesh

ये महिलाएं गर्दन में पहनती हैं 10 किलो के छल्‍लेे, जाने क्या है कारण

गले में पीतल के मोटे-मोटे छल्ले पहनना कोई छोटी बात नहीं है मगर आपको जान कर आश्‍चर्य होगा कि पूर्वी बर्मा की कायन जनजाति की महिलाओं के लिये ये तो बहुत ही आम सी बात है.
कायन महिलाएं अपनी गर्दन को लंबा दिखाने के लिये पीतल के मोटे छल्‍ले पहनती हैं. बर्मा की यह कायन महिलाएं इन छल्‍लों को ना केवल गर्दन में पहनती है बल्‍कि कलाई और जोड़ों पर भी ये पहनती हैं.

महिलाएं इस तरह के छल्‍ले क्‍यूं पहनती हैं, इस बारे में ठीक से कोई जानकारी नहीं है. लेकिन सिद्धांतों के अनुसार वे इसे इसलिये पहनती हैं कि जिस्‍से जंगल में बाघ उन्‍हें कोई चोट ना पहुंचाए. कुछ अन्‍य लोगों का कहना है कि कायन महिलाएं इन छल्‍लों को पहन कर बदसूरत दिखने लगती हैं, जिससे वह दास प्रथा और यौन शोषण से बच जाती हैं.

यह पीतल का छल्‍ला 5 साल की उम्र से बालिकाओं को पहनाना शुरु कर दिया जाता है. इनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती चली जाती है, वैसे-वैसे गर्दन के छल्‍ले भी बढ़ने लगते हैं. इन छल्‍लों के सेट का वजन लगभग 10 किलो होता है.

उम्र के साथ छल्‍ले भी बढ़ते हैं

कायन महिलाएं पीतल के इन छल्‍लों को 5 साल की उम्र से पहनना शुरु करती हैं और उम्र के हर साल एक छल्‍ला जोड़ती चली जाती हैं.

10 किलो का होता है छल्‍ला

पीतल के छल्‍ले का पूरा सेट 10 किलो का होता है इसलिये ज्‍यादातर महिलाएं इसे पूरा नहीं पहनती.