मंगल ग्रह का योग सुधारने के लिये करने होंगे ये उपाय
ग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा दिया गया है वो इसलिए क्योंकि मंगल अगर आप पर मेहरबान हो तो जीवन में हर ओर मंगल ही मंगल होता है लेकिन कमजोर या अशुभ मंगल जिंदगी मे अमंगल का विष घोल देता है.
ग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा दिया गया है वो इसलिए क्योंकि मंगल अगर आप पर मेहरबान हो तो जीवन में हर ओर मंगल ही मंगल होता है लेकिन कमजोर या अशुभ मंगल जिंदगी मे अमंगल का विष घोल देता है. अशुभ मंगल को शुभ और अमंगल करने वाले मंगल को मंगलकारी बनाने केलिए कुछ उपाय करने से समस्याएं दूर हो जाती हैं.
आइए पहले जानते हैं मंगल की विशेषताएं
- मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है
- शक्ति,ऊर्जा,आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी है
- इसका मुख्य तत्त्व अग्नि तत्व है और इसका मुख्य रंग लाल है.
- ताम्बा इसकी धातु है और जौ इसका अनाज
- मेष और वृश्चिक इसकी राशियाँ हैं .
- मंगल मकर राशी में सबसे ज्यादा मजबूत होता है
- कर्क राशी में मंगल सबसे ज्यादा कमजोर होता है
ख़राब मंगल के परिणाम- - इंसान क्रूर और हिंसक स्वभाव का होता है
- आत्मविश्वास और साहस का स्तर कमजोर होता है
- संपत्ति और जमीन के मामले में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
- इंसान को रक्त सम्बन्धी समस्याएँ होती हैं.
- अक्सर कर्ज और मुकदमेबाजी लगी रहती है
- मंगल अशुभ हो तो कभी कभी जेल के दर्शन भी हो जाते हैं .
- अगर विवाह भाव से इसका सम्बन्ध हो तो वैवाहिक जीवन ख़राब हो जाता है
कुंडली का मंगल जीवन के सुख, संपत्ति, विवाद और मुकदमेबाजी जैसे पहलुओं को विशेष रूप से प्रभावित करता है. यानि जीवन के हर मोड़ पर खराब या अशुभ मंगल का प्रभाव रहता है और इंसान की जिंदगी को प्रभावित भी करता है. आखिर अशुभ मंगल को शुभ कैसे बनाया जाए और अमंगल करने वाले मंगल को मंगलकारी बनाने के क्या हैं कारगर उपाय
अगर संपत्ति सम्बन्धी समस्या हो तो
- किसी भी मंगलवार को एक तिकोना नारंगी रंग का ध्वज लें
- इस पर लाल रंग से राम लिखें
- मंगलवार को ही ले जाकर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाएं
- आपकी संपत्ति प्राप्ति की समस्या दूर हो जायेगी
अगर मंगल दोष के कारण शादी में बाधा हो तो - हर मंगलवार का उपवास रक्खें, इस दिन नमक ना खाएं
- शाम के समय हनुमान जी के मंदिर सिन्दूर और लाल वस्त्र अर्पित करें
- इसके बाद “सुन्दरकाण्ड” का पाठ करें
अगर मुक़दमेबाजी या विवाद के योग हों - रोज सुबह स्नान करके सूर्य को जल अर्पित करें
- इसके बाद सूर्य के समक्ष ही एक बार हनुमान चालीसा का पाठ करें
- सात्विक आहार ग्रहण करें और भूमि पर शयन करें
- ये प्रयोग सत्ताईस दिनों तक करें, आपको लाभ होगा
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मंगल अगर आपकी कुंडली में अशुभ हो जाए तो ये आपकी जिंदगी में उथल-पुथल मचा सकता है इसलिए ये जनना बेहद जरूरी है कि मंगल कब अशुभ फल देता है.
मंगल के अशुभ योग
- कुंडली में मंगल राहु एक साथ हों तो अंगारक योग बनता है
- ये योग प्रचंड दुर्घटना, शल्य चिकित्सा और रक्त सम्बन्धी गंभीर समस्या देता है.
- इस योग के होने पर पारिवारिक सम्बन्ध भी काफी ख़राब होते हैं .
- अगर ये योग कुंडली में हो तो मंगलवार का उपवास रखें.