महाकाल की नगरी उज्जैन में लगी विश्व की पहली वैदिक घड़ी, जानें इसमें क्या है खास?
उज्जैन : विश्व की पहली वैदिक घड़ी महाकाल की नगरी उज्जैन में की प्राचीन वेधशाला में स्थापित की गई है। जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मार्च को वर्चुअल करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल रहेंगे। रविवार को 85 फीट ऊँचे वॉच टावर पर घड़ी लगाकर उसकी जाँच की गई। वेधशाला के पास 2.46 लाख रुपए से तैयार हुए चार मंजिला टॉवर में देश की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी लगाने का काम रविवार को पूरा हो गया। अब घड़ी को वैदिक गणना के मान से इंस्टॉल करने का काम किया जाएगा, वहीं निगमायुक्त आशीष पाठक ने निरीक्षण कर लोकार्पण की आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।
घड़ी पूरी तरीके से है डिजिटल
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर वैदिक घड़ी लगवाई गई है। यह वैदिक घड़ी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगी। यह घड़ी पूरी तरीके से डिजिटल है। यह वैदिक घड़ी उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ ज्योतिषाचार्य के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होने वाली है। नगर निगम ने वेधशाला के पास वैदिक घड़ी को लेकर चार मंजिला टॉवर खड़ा किया है। इसके सबसे ऊपरी मंजिल पर डिजिटल घड़ी रविवार को स्थापित की गई। इसके लिए निगम की ओर से विशेष क्रेन बुलवाई गई, वहीं मौके पर निगमायुक्त आशीष पाठक भी पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों कं वैदिक घड़ी स्थल के साथ हं वेधशाला की साफ-सफाई व रंगाई पुताई करने के लिए कहा। वैदिव घड़ी पर आकर्षक लाइटिंग तथ सौंदर्गीकरण भी करने का कहा गया इस दौरान जोनल अधिकारी हर जैन, उपयंत्री मुकुल मेश्राम सहित अन्य मौजूद थे।
क्या है वैदिक घड़ी
वैदिक घड़ी में समय के साथ ग्रहण, लग्न, शुभ मुहूर्त, पंचाग और पर्व की जानकारी हासिल की जा सकती है। ग्रीनविच पद्धति के अनुसार, इस वैदिक घड़ी में 24 नहीं बल्कि 30 घंटे का एक दिन रहेगा। और 48 मिनट का एक घंटा रहेगा। इसमें समय को पल और घटी में बांटा गया है। इस डिजिटल वैदिक घड़ी का प्रयोग पहली बार उज्जैन में हो रहा है।
डेलीगेट्स आएंगे, डिनर भी होगा
वेधशाला के पास बनी वैदिक घड़ी वे लोकार्पण कार्यक्रम में देशभर से विद्वान भी शामिल होंगे। इनके लिए डिनर का आयोजन भी होगा। बताया जा रहा है कि इस दौरान वैदिक घई के कामकाज, भारतीय कालगणना जैसे विषयों पर चर्चा भी होगी।