राजनीति में उलझा गरीबों का ‘संबल’
2019 में कांग्रेस सरकार ने संबल योजना की हकीकत जानने और अपात्र हितग्राहियों को सूची से हटाने के लिए सत्यापन शुरू कराया था। लेकिन एक साल बाद भी यह सत्यापन जिले में पूरा नहींं हो सका। ऐसे में योजना तभी से बंद पड़ी हुई है। इसका असर अब गरीब हितग्राहियों पर पड़ रहा है। जिन्हें 200 रुपए के बजाए 2 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक के बिजली बिल मिल रहे हैं।
भाजपा सरकार ने संबल योजना में बीमा व मृत्यु पर 2 लाख 5 हजार रुपए देने और बिजली बिल 200 रुपए प्रतिमाह करने की शुरूआत की। लेकिन 2018 में हुए विस चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। इसके साथ ही इस योजना पर भी विराम लग गया। गरीबों को योजना बंद होने के साथ 10 हजार से लेकर 30-40 हजार रुपए तक के बिजली बिल थमा दिए गए। इसके साथ ही जुलाई 2019 में कांग्रेस सरकार ने हितग्राहियों के सत्यापन के आदेश दिए, जिसे 30 सितंबर 2019 तक पूरा करना था। लेकिन एक साल बाद भी 2 लाख 72 हजार 742 हितग्राहियों में से 24500 हितग्राहियों का सत्यापन नहींं हो सका। इस पर श्रम विभाग के उपसचिव छोटे सिंह ने एक बार फिर सत्यापन कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
उदाहरणों से समझिए कैसे आ रहे बिजली बिल
- शहर के वार्ड क्रमांक 13 निवासी ओमप्रकाश शर्मा संबल योजना के हितग्राही हैं। इन्हें योजना शुरू होने के दौरान करीब 8 माह तक 200 रुपए के बिजली बिल मिले। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के साथ ही अचानक से 30 हजार रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया। इसमें अधिक लोड बताकर किस्तों में बिजली बिल वसूला गया, जिसकी शिकायत भी की गई। लेकिन कोई गौर नहींं किया गया। अब उनके दो कमरे वाले मकान का बिजली बिल कभी 2 हजार रुपए तो कभी 4 हजार रुपए महीने का आ रहा है।
- शहर के वार्ड 16 के हुसैनपुरा निवासी सलीम खान को भी कुछ माह तक 200 रुपए के बिजली बिल दिए। बाद में अचानक से 40 हजार रुपए का बिजली बिल थमा दिया। जबकि उनका कच्चा घर है और इसमें एक पंखे व कूलर के अलावा कोई भारी उपकरण नहींं है। 40 हजार रुपए का बिजली बिल उन्होंने दूसरे से कर्ज लेकर भरा और अब तक उसका कर्जा चुका रहे हैं। जून में जरूर उनके घर बिजली बिल 200 रुपए आया, लेकिन अब फिर से 2 हजार रुपए आ रहा है। अब शिकायतों का भी कोई निराकरण करने वाला नहींं है।
योजना की सिर्फ घोषणा, आदेश ही नहींं आए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ माह पूर्व संबल योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा तो कर दी लेकिन इस पर अमल अब तक नहींं हो सका। योजना के संचालन को लेकर दोबारा से कोई आदेश राज्य सरकार की ओर से जारी नहींं किए गए। इसका फायदा उठाते हुए मनमाने बिजली बिल संबल योजना के हितग्राहियों को दिए जा रहे। श्योपुर नगर पालिका सीएमओ आनंद शर्मा ने बताया कि अब तक इसे लेकर कोई आदेश नहींं आए हैं। फिलहाल इसके सत्यापन का कार्य चल रहा है।
सत्यापन कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा
संबल योजना में फिलहाल सत्यापन का कार्य चल रहा है। सत्यापन कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। संबल हितग्राहियों के बिजली बिल में अगर गड़बड़ी है तो इसकी समीक्षा करेंगे और समस्या का निराकरण कराया जाएगा। शासन से जो भी निर्देश मिलेंगे उनका पालन होगा। राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर, श्योपुर