BhopalMadhya PradeshNews

प्रदेश में 1 सितंबर से बदल जाएंगे शराब बिक्री के नियम

मध्यप्रदेश में देशी एवं विदेशी शराब की कम से कम 3,300 दुकानें को एक सितंबर से ग्राहकों को शराब की खरीदारी पर कैश मेमो (नकदी रसीद) देना अनिवार्य कर दिया गया है.  प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आबकारी आयुक्त, कैम्प भोपाल द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रदेश की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों से एक सितम्बर, 2021 से विक्रय की जाने वाली मदिरा का क्रेता को भुगतान राशि का कैश मेमो दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है.

जारी निर्देशानुसार कैश मेमो संबंधी बिल बुक जिला आबकारी कार्यालय से अनिवार्य रूप से प्रमाणित कराई जाएगी. बिल की कार्बन कॉपी अनुज्ञप्तिधारी द्वारा ठेका अवधि समाप्ति 31 मार्च, 2022 तक रखा जाना अनिवार्य होगा.

उल्लेखनीय है कि जहरीली शराब के कारण हुई मौतों की जांच के लिए गठित राजौरा कमेटी ने कैश मेमो अनिवार्य करने संबंधी अनुशंसा की थी.  प्रदेश के आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने कहा कि मैं एक साल से कैश मेमो प्रणाली पर जोर देने की कोशिश कर रहा हूं. दुबे ने कहा कि शराब की दुकान के मालिक अपने आउटलेट पर क्षेत्र के प्रभारी आबकारी अधिकारी के फोन नंबर के साथ बोर्ड लगाएंगे जिससे कीमतों और अन्य मुद्दों के बारे में शिकायतों के मामले में संपर्क किया जा सकता है.अधिकारी ने कहा कि हमारे लिए सबूत के अभाव में अधिकतम बिक्री मूल्य से अधिक कीमत पर शराब बेचने वाले दुकान मालिकों को दंडित करना मुश्किल था.

QUAR

देश में कम से कम 1,300 आईएमएफएल (भारत में बनी विदेशी शराब) और 2,000 देशी शराब की दुकानें हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को शराब बिक्री से सालाना नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है. भोपाल में एक ग्राहक ने आबकारी विभाग के इस फैसले पर कहा कि इससे शराब की कीमतों में एकरूपता आएगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी.