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सतना में 250 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कालेज की मान्यता खतरे में, कालेज के 41 चिकित्सा शिक्षकों को 06 माह से नहीं मिला वेतन…

भोपाल : सतना में 250 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कालेज की मान्यता खतरे में पड़ गई है, अप्रैल 23 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया था, सतना का नवनिर्मित मेडिकल कालेज जो अभी ठीक से चालू भी नही हो पाया है मान्यता खतरे में पड़ना प्रदेश सरकार के लिए बढ़ा झटका हो सकता है।

अप्रैल 2023 में हुआ था उद्घाटन 

अरसे से सतना के बाशिंदों को मेडिकल कालेज का इंतजार था, शहर की जनता ने नेता मंत्रियों से मांग की, हस्ताक्षर अभियान चलाए गए, काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सतना में 250 करोड़ की लागत से शासकीय मेडिकल कालेज बिल्डिंग निर्मित हो गई, विधान सभा चुनाव के मद्देनजर काफी तामझाम के साथ एक गरिमामयी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज व कई मंत्रियों सांसदों विधायको की मौजूदगी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अप्रैल 2023 को सतना के लोगो को मेडिकल कालेज समर्पित किया था, कार्यक्रम में ही सीएम ने मेडिकल कालेज के डीन सहित 45 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र भी दिए थे, सतना का मेडिकल कालेज अभी ठीक से शुरू भी नही हो पाया था कि चौकाने वाली खबर आ गई, नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एक नोटिस दिया है, जिसके चलते मेडिकल कालेज की मान्यता खतरे में पड़ गई है।

नहीं मिल रहा वेतन 

दरअसल मेडिकल कालेज के 41 चिकित्सा शिक्षकों को 06 माह से वेतन भुगतान नहीं किया गया, जिसके विरोध में 15 डॉक्टर्स जिला अस्पताल में काली पट्टी बांधकर सेवाएं दे रहे है, प्रभावित डॉक्टरों ने सरकार से अपील की है कि 06 माह से वेतन न मिलने से उनके खाने के लाले पड़ गए है, दूसरी तरफ अब एनएमसी. ने कालेज को नोटिस थमा दी है कि डॉक्टर्स की अटेंडेंस नही है, मेडिकल कालेज में 150 एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए ऑटोप्सी अनिवार्य है लेकिन कॉलेज में इसके लिए कोई बॉडी मुहैय्या नही करा पा रहा है, लैब के लिए रीजेंट खरीदने तक के पैसे नहीं है, मेडिकल कॉलेज में मापदंडों के अनुसार पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है, आपको बता दें कि एनएमसी. ने सिर्फ एलओआई. जारी किया है जिसमे साफ तौर मान्यता रोकने की बात कही है, जिसे लेकर जनवरी माह में टीम निरीक्षण करने सतना मेडिकल कॉलेज आने वाली है, सतना मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स मानते है कि उन्हें 06 माह से वेतन नही मिल रहा है, डीन भी मानते है कि बायोमेट्रिक मशीन न होने से डॉक्टर्स की अटेंडेंस नही हो पाई, कालेज में मशीनें, उपकरण और ऑटोप्सी सुविधा नही है जल्द व्यवस्था कर ली जाएगी, जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 14 मेडिकल कालेजों में 13 आटोनामस और एक सरकार द्वारा संचालित है, अगर सतना मेडिकल कालेज की मान्यता खत्म हुई तो यहां पढ़ रहे 150 छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा।