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सखी सैयां जी खूबै कमात हैं, लेकिन महंगो पेट्रोल-डीजल सब खाए जात है

साल 2014 में जब लोकसभा के चुनाव हो रहे थे, तब भारतीय जनता पार्टी का एक नारा खूब लोकप्रिय हुआ था. ‘बहुत हुई महंगे डीजल-पेट्रोल की मार – अबकी बार मोदी सरकार.’ बीजेपी सत्ता में आई और इस नारे को इस कदर भुलाया कि आज राज्य में पेट्रोल 110 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है और डीजल भी शतक लगाने की ओर आतुर है.

साभार – बीजेपी फेसबुक पेज

प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने आम आदमी को परेशान कर दिया है. पेट्रोल जहां 110 रुपए प्रति लीटर, तो वहीं डीजल 97.72 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. आंकड़ों के हिसाब से बीते 8 महीने में पेट्रोल में 18 रुपए और डीजल में 16 रुपए से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है.

जनवरी के महीने में पेट्रोल का दाम 91.50 रुपए और डीजल 81.68 रुपए प्रति लीटर था. बढ़ते-बढ़ते इनके दाम अब आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं.

13 मई को भोपाल में शतक लगा चुके हैं पेट्रोल के दाम


राजधानी भोपाल में 13 मई को पेट्रोल के दाम 100 प्रति रुपए प्रति लीटर के पार हुए थे. उस वक्त इसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ. अनुमान है कि हो सकता है कि सरकार टैक्स में कुछ रियायत देकर पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते हुए आसमान छू रहे हैं.

केंद्र में पिछले 7 सालों से बीजेपी की सरकार, फिर भी कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हैं बीजेपी नेता


पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस महंगाई को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं के अजीबो-गरीब बयान सामने आ रहे हैं. हाल ही में भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अपने एक बयान में कहा था कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस महंगाई का प्रोपेगेंडा कर रही है, जबकि महंगाई नहीं है. वहीं, इससे पहले कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग भी महंगाई के लिए नेहरू को जिम्मेदार बता चुके हैं.