मध्यप्रदेश में लोकलुभावन फैसलों का पागलपन इस वक्त चरम पर है : विवेक तन्खा
भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरी में राज्य के युवाओं को ही देने की सरकार की घोषणा के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वकील विवेक तन्खा ने शिवराज सरकार की प्रदेश के युवाओं को ही सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर सवाल खड़े किए हैं। विवेक तन्खा ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर पूछा है कि दूसरे राज्यों में मध्य प्रदेश के करीब एक करोड़ लोग काम करते हैं, ऐसे में मप्र के भीतर सिर्फ राज्य के निवासियों को ही सरकारी नौकरी देने का प्रावधान कहां तक सही है। तन्खा ने कहा है कि कानून में भी 100 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि लोकलुभावन फैसलों का पागलपन इस वक्त चरम पर है। उन्होंने कहा, ‘अगर नेता आम जनता को जुमलों के जरिए खुश रखते रहेंगे तो ये लोकतंत्र की हार है। लग रहा है मुख्यमंत्री शिवराज मध्य प्रदेश और उसकी जनता को सबसे बुरी स्थिति में पहुंचाकर ही संतुष्ट होंगे।’
शिवराज की घोषणा के बाद राजनीतिक बवाल
वहीं पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि शासकीय नौकरियों को 100 फीसदी आरक्षण की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसके लिए कानून कहां है। युवाओं को केवल झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं। पहले कानून बना लेते, इसके बाद योजना को लागू करते।
सिंगल डेटा बेस बनाएगी सरकार
बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ऐलान किया था कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के नागरिकों के लिए ‘सिंगल सिटीजन डाटाबेस’ तैयार कर रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को हर योजना के लिए अलग-अलग पंजीयन नहीं कराना पड़े।
राज्य के युवाओं को ही मिलेगी सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री ने कहा था कि, ‘मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। जब नौकरियों के अवसरों का अभाव है, ऐसे समय में राज्य के युवाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है।’ साथ ही सीएम ने कहा था कि मध्य प्रदेश के संसाधनों पर पहला हक प्रदेश के युवाओं का है।