6 साल बाद भी सपना अधूरा:आईटी पार्क से निवेशकों का मोह भंग, 40 को नहीं मिली जमीन
जबलपुर। जबलपुर में आईटी पार्क में लाखों रुपए निवेश करने के 6 साल बाद भी इकाई लगाने का उद्यमियों का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। इकाई लगाकर रोजगार स्थापित करने का सपना पूरा नहीं होने पर उन्होंने अब अपनी राशि वापस माँगना शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो प्रशासनिक लापरवाही के कारण आवेदन करने के बाद भी करीब 40 आवेदकों को जमीन का आवंटन नहीं हो सका है, ये निवेशक अब राशि वापस लेने का मन बना रहे हैं।
रजिस्ट्री के लिए भटक रहे
निवेशकों के सामने यह समस्या भी आ रही है कि आईटी पार्क में जिन लोगों ने पैसा जमा करके जमीनों का आवंटन कराया है उनकी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। ये निवेशक लंबे समय से रजिस्ट्री की माँग कर रहे हैं, मगर कुछ तकनीकी कारण बताकर आईटी विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी नहीं की जा रही है, जिसके चलते निवेशक जमीन वापस लौटाने का मन बना चुके हैं। आईटी पार्क से जुड़े निवेशक बताते हैं कि जब विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनके द्वारा पूरे क्षेत्र को डेवलप करने से इनकार कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में अब निवेशक अपनी राशि जमा करने के बाद लुटा-पिटा महसूस कर रहे हैं। यहाँ सड़क से लेकर पानी और बिजली की समस्या सबसे बड़ी सामने आ रही है।
4 साल पहले शुरू किया गया काम
बताया जाता है कि मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने अप्रैल 2014 में जबलपुर में 25 एकड़ में आईटी पार्क निर्माण का काम शुरू किया था, जिसमें करीब 108 निवेशकों ने रोजगार स्थापित करने राशि जमा कर आवंटन माँगा है। इन चार सालों में केवल 55 निवेशकों को ही जमीनों का आवंटन हो सका है।
समस्याएँ
जमीन आवंटन किए जाने के बाद रजिस्ट्री तक नहीं की जा रही।
लीज रेंट एक फीसदी से बढ़ाकर दो फीसदी तक किया गया।
मप्रएसईटी को टैक्स देने के बाद भी नक्शा स्वीकृत करने के लिए नगर निगम अलग से माँग रहा टैक्स।
निवेशकों के प्लॉट के सामने सड़क के साथ उन्हें पानी की सुविधा तक मुहैया नहीं कराई जा रही।