मौत से पहले कोरोना पॉजिटिव बताकर इलाज करता रहा अस्पताल, मृत्यु के बाद कहा – निगेटिव हैं
उज्जैन के माधव नगर अस्पताल के बाहर हंगामा हो गया. एक महिला मरीज़ की मौत के बाद उनकी बेटियां और परिवार वाले धरने पर बैठ गए. बेटियों का आरोप है कि उनकी मां का इलाज कोरोना पॉजिटिव बताकर किया गया, लेकिन मौत के बाद स्टाफ उन्हें निगेटिव बताकर डेडबॉडी सौंप रहा है.
ये था पूरा मामला
उज्जैन में सेल्स टैक्स विभाग में क्लर्क के पद पर काम करने वाली 41 साल की कृष्णा वासेन को सांस लेने में दिक्कत हुई. उन्होंने 12 अप्रैल को जांच कराई जिसमे उनके लंग्स में इंफेक्शन के साथ साथ कोरोना पॉजिटिव भी पायी गयीं. इंफेक्शन ज्यादा होने की वजह से उन्हें माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेटियों का कहना है कि उनकी मां को इलाज के दौरान रेमडेसिविर के 6 इंजेक्शन भी लगाए गए.
मृतक कृष्णा वासेन की तीन बेटियां हैं. पिता का साया पहले ही तीनों बेटियों के सिर पर से उठ चुका है. और अब मां की भी मौत हो गयी. बेटियों ने बताया कि आज सुबह अस्पताल से फोन आया कि आपकी मां नहीं रहीं आप उनकी डेडबॉडी ले जाइए. वो कोरोना निगेटिव थीं. एक तो मां की मौत का सदमा ऊपर से अस्पताल वालों का ये रवैया. इससे परिवार नाराज हो गया और तीनो बेटियों के साथ अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गया.
मां के लिए 1 लाख में खरीदे 6 इंजेक्शन
बेटियों का कहना है कि मरीज जब जिंदा था तो पॉजिटिव बताया गया और अब मर गया तो हॉस्पिटल वालों का कहना है वह निगेटिव है. बेटियों ने बताया कि अपनी मां के लिए उन्होंने रेमडेसिविर के 6 इंजेक्शन उज्जैन की अलग अलग दुकानों से खरीद कर दिए. जो करीब एक लाख रुपए में मिले. पहली दो डोज 25 हजार में बाद में 13 और फिर 17 हजार में मिले. उसके बाद भी हमारी मां को बचाया नहीं जा सका. और अब डॉक्टर कह रहे हैं कि आपकी मां निगेटिव थीं.