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उपचुनावों की वजह से मध्य प्रदेश में अनोखा माहौल, सरकार भीड़ बुलाकर लेती है कोरोना को हराने का संकल्प

मध्य प्रदेश में इस वक़्त दो चीजों की तैयारियां खूब जोर-शोर से चल रही हैं. एक कोरोना के फैलते संक्रमण से बचने की तैयारी और एक 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी. इन 28 सीटों में 25 सीटें वे हैं जो 2018 के विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस पार्टी से विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन कोरोना काल से पहले मार्च-अप्रैल में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने की वजह इन 25 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई. और बकाया तीन सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं.

अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी 27 सितम्बर को केंद्रीय चुनाव आयोग उपचुनावों की घोषणा कर देगा. जिससे राज्य में आदर्श आचार सहिंता लागू हो जाएगी. और इसी को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सरकार ताबड़तोड़ शिलायान्स कार्यक्रम किये जा रही है. इन कार्यक्रमों में सैकड़ों की भीड़ भी जुटती है. लेकिन सबसे मजेदार बात तब होती है जब मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या अन्य मंत्री कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस बना के रखने और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर न जाने की सलाह देते हैं. लेकिन शायद वह यह कहते हुए अपनी आँखे बंद कर लेते हैं कि जो वो जनता से करने को कह रहे हैं, उसका आप खुद ही पालन नहीं करने दे रहे हैं.

केंद्र सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया जारी करते हुए साफ़ दिशा निर्देश जारी किये थे कि किसी भी तरह का राजनैतिक आयोजन नही किया जायेगा. लेकिन पिछले महीने खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व् केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर और चम्बल संभाग में तीन दिनों तक डेरा डालकर जगह-जगह रैलियां की थीं. जिसमें कोरोना से बचने के सभी सावधानियों की खुलेआम धज्जियाँ उडी थीं. इन रैलियों में हजारों लोग जुटे थे और न जाने इनमे से कितने कोरोना पाजिटिव थे. इन रैलियों में वोटरों को बीजेपी की सदस्यता के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी बम्पर वितरण हुआ होगा. अक रिपोर्ट के अनुसार इस सदस्यता अभियान के बाद ग्वालियर में कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या में जबरदस्त उछाल भी आया है. इससे साफ़ साबित होता है कि बीजेपी ने इन रैलियों के माध्यम से कोरोना के आंकड़ो को बढ़ने में भरपूर सहयोग किया है.

इस सदस्यता अभियान को लेकर उच्च न्यायालय में अक जनहित याचिका भी दाखिल की गयी. जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ऐसे आयोजनों पर अपनी नाराजगी जताई थी. लेकिन शायद बीजेपी और शिवराज सरकार उपचुनावों को लेकर इतनी मदहोश है कि उसे कोर्ट की नाराजगी का कोई फर्क नहीं पड़ा. अब भी वह रोज कई राजनैतिक रैलियां कर रहे हैं और जनता में कोरोना की सदस्यता का वितरण कर रहे हैं. आम नागरिक के द्वारा मास्क न लगाए जाने पर या कोई मामूली सी चुक पर हजारों का जुर्माना वसूलने को तैयार बैठा स्थानीय प्रशासन भी बीजेपी की इन रैलियों में भरपूर सहयोग कर रहा है.