पिता ने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर चलाई साइकिल, साथ में 3 दिन का राशन
धार। बच्चे के भविष्य संवारने के लिए माता-पिता क्या करते हैं इसका कोई हिसाब नहीं। ऐसा ही एक मामला धार से सामने आया है। जहां एक पिता बच्चे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर साइकिल पर लेकर आया है। इसके साथ ही उसने तीन दिन का राशन भी साइकिल पर लाया है और खुले आसमान के नीचे रहकर अपने बच्चे को परीक्षा दिला रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते वाहनों के प्रतिबंध लगाए जाने के कारण बेबस पिता को ऐसा करना पड़ा।
शोभाराम, धार जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर बयडीपुरा गांव में रहते हैं। उनका बेटा आशीष दसवीं में पढ़ता है। इस साल परीक्षा में उसे सप्लीमेंट्री आयी थी। अब दसवीं बोर्ड की सप्लीमेंट्री परीक्षाएं हो रही हैं। आशीष को परीक्षा देने ज़िला मुख्यालय धार आना था जो सवारी गाड़ी भी नहीं चलने के कारण मुश्किल था। ऐसे में आशीष को परीक्षा देने समय पर धार पहुंचना था। ऐसे में कोई रास्ता नहीं सूझने पर पिता शोभाराम ने बेटे आशीष को अपनी साइकिल पर बैठाकर परीक्षा केंद्र तक लाने का फैसला किया।
गरीब पिता शोभाराम अपने बेटे आशीष को साइकिल पर बैठाकर धार के लिये निकल पड़ा। दोनों बाप-बेटा दोपहर में गांव से रवाना हुए। रास्ते में रात हो गयी इसलिए मांडू में इन्होंने रात्रि विश्राम किया। अगले दिन समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचने के लिए अलसुबह मांडू से धार के लिये रवाना हो गए। पिता की मेहनत सफल हुई। आशीष वक्त पर परीक्षा केंद्र पहुंच गया। उसने धार पहुंचकर परीक्षा दी।