जिस दिन जनता कहेगी मैं सन्यास ले लूँगा- कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी में कमलनाथ के तीव्र होते जा रहे विरोध का जवाब देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ छिंदवाड़ा पहुंचे। यहां आम सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब के दौरान उन्होंने कहा कि मैं उस दिन संयास ले लूंगा जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता कहेगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों (छिंदवाड़ा छोड़कर) से लगातार मांग उठ रही है कि कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष का पद त्याग कर युवाओं को मौका देना चाहिए।
कमलनाथ ने बताया कि वह संन्यास कब लेंगे
छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में कमलनाथ ने एक सभा (जिसमें उनके सिर्फ समर्थक उपस्थित थे) को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैं आराम करने को तैयार हूं, मैंने जो हासिल किया है, वह शायद ही किसी को मिला होगा। बस, जनता तय कर दे कि मुझे कहां जाना है।’ इसके बाद सभा में कमलनाथ जिंदाबाद के नारे लगे। इसके बाद चुनिंदा पत्रकारों से चर्चा करते हुए संन्यास के सवाल पर नाथ ने कहा कि उस दिन संन्यास लूंगा, जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता कहेगी।
कमलनाथ पर क्या-क्या आरोप लग रहे हैं
- मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कांग्रेस पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिया।
- कमलनाथ ने अपने समर्थकों की टीम बनाई और उसे ही पूरी कांग्रेस मान लिया।
- मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी कमलनाथ अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं।
- मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव 2020 में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया।
- कमलनाथ ने अपनी प्राइवेट एजेंसी की सर्वे रिपोर्ट को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की रायशुमारी से ज्यादा महत्व दिया।
- उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के गद्दार और भाजपा के दलबदलू नेताओं को टिकट दिया।
- चुनाव हारने के बाद जिम्मेदारी लेकर इस्तीफे का प्रस्ताव तक नहीं दिया।
- कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाना चाहते हैं जो सिर्फ उनकी जय-जयकार करता रहे, चाहे उसका जनाधार हो या ना हो।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मित्रता के कारण भाजपा सरकार का विरोध नहीं कर रहे। केवल ट्विटर पर दो लाइन के बयान जारी कर देते हैं।
- किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े नजर नहीं आ रहे जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के साथ दिखाई दे रहे हैं।