केंद्र सरकार ने अभिभावकों से पूछा- स्कूल खोलें या नहीं?
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई राज्यों ने फिर से अपने यहां लॉकडाउन लागू कर दिया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वह स्कूल पुन: खोले जाने के विषय पर अभिभावकों से उनकी राय जानें।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी ने भी एक सर्कुलर भेजा है ताकि स्कूल खुलने पर अभिभावकों से उनकी राय जान सकें कि वो स्कूलों से क्या चाहते हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि माता-पिता से फीडबैक लिया जाए कि स्कूलों में कब और कैसे फिर से पढ़ाई शुरू हो।
पत्र में 20 जुलाई तक निम्नलिखित बिंदुओं पर स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता का फीडबैक लेने को कहा गया है।
1- अभिभावकों से पूछा जाए कि अभिभावक स्कूलों को दोबारा कब खोले जाने पर सुविधाजनक महसूस करते हैं। अभिभावकों के मुताबिक स्कूलों को अगस्त, सितंबर या अक्टूबर किस महीने में खोला जाना चाहिए।
2-अभिभावकों की स्कूलों से क्या अपेक्षा है। वे क्या चाहते हैं कि स्कूल कब से दोबारा शुरू कर दिए जाएं। स्कूल खोले जाने एवं छात्रों की सुरक्षा से जुड़े विषय पर अभिभावक चाहें तो कोई अन्य फीडबैक अथवा सुझाव भी दे सकते हैं।
केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे 20 जुलाई तक सुझाव हासिल करने के लिए अभिभावकों को ईमेल करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद से देश भर में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तब से केंद्र ने कई छूट दी हैं लेकिन शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति नहीं दी है।