गूंजेंगी तानसेन समारोह की स्वर लहर, 17 से आयोजन
ग्वालियर: वैश्विक महामारी कोरोना में भी तानसेन समारोह-2020 की स्वर लहरिया गूंजेगी. इस बार अंतर इतना होगा कि तानसेन समारोह के आयोजन को लेकर निर्णय और कमान स्थानीय प्रशासन के हाथ ही होगी. कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ही निर्णय करेगा कि आयोजन किया जाना सही रहेगा या नहीं. संस्कृति विभाग की ओर से 17 दिसंबर से तानसेन समारोह-2020 प्रस्तावित किया गया है. वहीं आयोजन के स्तर को लेकर भी प्रशासन के अधिकारी ही तय करेंगे. आमजन को इस बार समारोह में शामिल होने के लिए कुछ परेशानी झेलना पड़ सकती है,वहीं कलाप्रेमियों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं समारोह में शामिल होने के लिए इस बार पहचान पत्र की अनिवार्यता भी रहेगी.
प्राथमिकता पर रहेगी कोविड गाइडलाइन
कोरोना संक्रमण अब तक पूरी तरह खत्म नहीं हो सका है. इसलिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कोरोना दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. कलाकारों सहित उनके श्रोताओं को भी समारोह में शामिल होने के लिए निर्देशों का पालन करना होगा. अब तक समारोह में शामिल होने के लिए संख्या तय नहीं की जाती थी लेकिन इस वर्ष श्रोताओं की संख्या कम से कम 400 ही रहेगी. साथ ही शामिल होने के लिए पहचान पत्र प्रवेश द्वारा पर दिखाना होगा.
छोटे स्तर पर हो सकता है तानसेन समारोह
हमेशा की तरह इस वर्ष समारोह बड़े स्तर पर देखने को नहीं मिलेगा. कोरोना संक्रमण ने तानसेन समारोह पर भी प्रभाव डाला है. इसलिए समारोह छोटे स्तर पर होगा. यानि बड़े पंडाल देखने को नहीं मिलेगा. श्रोताओं की संख्या भी प्रशासन द्वारा तय की जाएगी. प्रवेश द्वारा पर ही थर्मल स्क्रीनिंग जैसे पड़ाव से होकर गुजरना पड़ सकता है.
इस वर्ष सरकार ने स्थानीय प्रशासन को तानसेन समारोह की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही समारोह होना या न होने की अनुमति संभागायुक्त और जिले के कलेक्टर ही देंगे. कोरोना संक्रमण के चलते जिले में इसका प्रभाव कितना है इसके आधार पर ही समारोह तय होगा.